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हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पुलिस विभाग के 372 जांच अधिकारियों को एक वर्ष से भी ज्यादा समय तक केस का निपटान न करने पर निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं

*गृह मंत्री अनिल विज ने 372 जांच अधिकारियों (आईओ) को निलंबित करने के निर्देश किए जारी*

*इस बारे में एक पत्र पुलिस महानिदेशक को लिखा*

*गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को 11 मई, 2023 को पत्र लिखकर सूचना भी मांगी गई थी*

*आईओ ने एक वर्ष से एफआईआर का निपटारा नहीं किया था*

चंडीगढ़, 23 अक्टूबर - हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने आज फिर जनहित में कड़ा रुख अपनाते हुए 372 जांच अधिकारियों (आईओ) को निलंबित करने के निर्देश जारी किए है।

श्री विज ने आज इस बारे में एक पत्र पुलिस महानिदेशक को लिखा है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को 11 मई, 2023 को पत्र लिखकर सूचना भी मांगी गई थी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के जिन विभिन्न जिलों में 372 जांच अधिकारी (आईओ) को निलंबित किया गया है। उनमें गुरुग्राम में 60, फरीदाबाद 32, पंचकूला 10, अम्बाला 30, यमुनानगर 57, करनाल 31, पानीपत 3, हिसार 14, सिरसा 66, जींद 24, रेवाड़ी 5, रोहतक 31 और सोनीपत में 9 आईओ है।

पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र के अनुसार श्री विज ने बताया है कि "प्रदेश में दर्ज एफआईआर के शीघ्र निस्तारण के लिए उनके द्वारा कई बार कहा गया है। पिछले महीने, मैंने आदेश दिया था कि उन सभी आईओ से स्पष्टीकरण मांगा जाए जिन्होंने एक वर्ष में एफआईआर का निपटारा नहीं किया है। इन मामलों की संख्या बहुत अधिक थी जो लगभग 3229 से ऊपर है"।

श्री विज ने पत्र में दुख जताते हुए कहा है कि "उनके निर्देश के बावजूद अभी भी 372 आईओ ऐसे हैं जिन्होंने मामलों का अंतिम रूप से निपटारा नहीं किया है और उनके द्वारा बताए गए कारण संतोषजनक नहीं हैं। वे लोगों को उनकी शिकायतों पर कार्रवाई के लिए एक जगह से दूसरे जगह तक भटकने पर मजबूर कर रहे हैं जोकि बेहद गंभीर मामला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता"।

गृह मंत्री ने पत्र में कहा है कि "इन सभी जांच अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर दिया जाए और उनके मामलों को एक महीने में अंतिम निपटान के लिए संबंधित डीएसपी को स्थानांतरित कर दिया जाए, अन्यथा उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी"।