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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की प्रदेश में छः टोल प्लाजा बंद करने,10 जिलों में 190 कॉलोनियों को नियमित करने,प्राणवायु देवता पेंशन योजना,

चंडीगढ़, (KK) – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य राजमार्गों पर स्थित छः टोल प्लाजा को बंद करने की घोषणा की है। इस कदम से आम जनता को भारी राहत मिलने वाली है।

मुख्यमंत्री ने आज यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि इन टोल प्लाजा के बंद होने से जनता को सालाना 13.50 करोड़ रुपये की बचत होगी।

उन्होंने बताया कि तीन टोल प्लाजा- स्टेट हाईवे-17 पर राजस्थान बॉर्डर के पास गांव बशीरपुर (नारनौल-निजामपुर रोड), स्टेट हाईवे-11 पर पंजाब सीमा के नजदीक गांव तातियाना (कैथल-पटियाला रोड), स्टेट हाईवे-22 पर गांव गुज्जरवास (सुबाना-कोसली-नाहर-कनीना रोड) पर स्थित टोल प्लाजा का संचालन 1 नवंबर, 2023 से बंद हो जाएगा।

इसी प्रकार, कैथल-खनौरी सड़क पर गांव संगतपुरा नजदीक पंजाब सीमा स्टेट हाईवे-8 पर स्थित टोल प्लाजा 10 नवंबर को बंद हो जाएगा। काला अम्ब-सढ़ारा-शाहाबाद सड़क पर गांव अशगरपुर नजदीक हिमाचल प्रदेश सीमा स्टेट हाईवे-4 तथा रोहतक-खरखौदा-दिल्ली सड़क सीमा पर गांव फिरोजपुर नजदीक दिल्ली सीमा स्टेट हाईवे-18 पर स्थित टोल प्लाजा का संचालन 1 दिसंबर, 2023 को बंद कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन टोल प्लाजा को बंद करने का निर्णय आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की मांगों को देखते हुए लिया गया है। सरकार ने इन टोल प्लाजाओं द्वारा जनता पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ और असुविधा को पहचाना और जनता को राहत देने के लिए यह कदम उठाया है।

मुख्यमंत्री ने की 10 जिलों में 190 कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा

नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की 100, शहरी स्थानीय निकायों की 90 कॉलोनियां की गई नियमित

आज इन कॉलोनियों के साथ ही इस वर्ष कुल 594 कॉलोनियां हुई नियमित

चंडीगढ़ – हरियाणा में संस्थागत शहरी विकास की दिशा में बढ़ते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज 10 जिलों की 190 कॉलोनियों को नियमित करने की बड़ी घोषणा की है। इस निर्णय का उद्देश्य इन कॉलोनियों को कानूनी दर्जा देना और व्यापक बुनियादी ढांचा विकास सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री ने आज यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार इन कॉलोनियों के समग्र विकास के लिए लगभग 1400 करोड़ रुपये आवंटित करेगी।

उन्होंने कहा कि नियमित की जा रही 190 कॉलोनियों में से 100 कॉलोनियां नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती हैं, शेष 90 शहरी स्थानीय निकायों के दायरे में हैं। आज इन कॉलोनियों के नियमित करने की घोषणा के साथ ही इस वर्ष कुल 594 कॉलोनियों का सफलतापूर्वक नियमितीकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा प्रबंधित कॉलोनियों के भीतर विकास कार्यों की देखरेख हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा की जाएगी।

कांग्रेस सरकार के 10 साल के कार्यकाल और वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण में महत्वपूर्ण अंतर पर प्रकाश डालते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि 2014 के बाद से कुल 1673 कॉलोनियों को सफलतापूर्वक नियमित किया गया है, जबकि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में केवल 874 कॉलोनियों को नियमित किया गया था, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्राणवायु देवता पेंशन योजना की करी शुरुआत

प्रदेश के 3,810 वृद्ध वृक्षों को सालाना 2750 रुपये मिलेगी पेंशन

हरियाणा इस तरह की योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य

75 वर्ष से अधिक पुराने स्वस्थ वृक्षों का संरक्षण ही उद्देश्य   

चंडीगढ (KK) - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज प्राणवायु देवता पेंशन योजना के तहत 3,810 वृक्षों को पेंशन देने की विधिवत शुरुआत की। योजना के तहत इन सभी वृक्षों को सालाना 2750 रुपये पेंशन दी जाएगी।

                प्रदेश सरकार के आज 9 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री ने आज यहां आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान प्राणवायु देवता पेंशन योजना का शुभारंभ किया। उल्लेखनीय है कि हरियाणा इस तरह की योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य है, जिसका उद्देश्य 75 वर्ष से अधिक पुराने स्वस्थ वृक्षों का संरक्षण है।

                उन्होंने कहा कि यदि किसी के घर के आंगन में 75 वर्ष या उससे अधिक पुराना पेड़ है, तो वह अपने संबंधित जिले के वन विभाग के कार्यालय में जाकर पेंशन के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन का मूल्यांकन एक समिति द्वारा किया जाएगा और सभी शर्तों के सत्यापन के बाद लाभार्थी को पेंशन दी जाएगी।

                उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण-अनुकूल पहलों को लागू करने में सक्रिय रही है, यह मानते हुए कि पेड़ हमें ऑक्सीजन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पेड़ बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ते हैं। उन्होंने राज्य के लोगों से  वृक्षारोपण अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने और पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बनने का आग्रह किया।  

                इस योजना के तहत लाभ लेने के लिये उन भूमि मालिकों द्वारा वन विभाग को आवेदन किये गये थे जिनकी भूमि में 75 वर्ष अथवा अधिक उम्र के वृक्ष हैं। राज्य में जिला स्तरीय संरक्षण समितियों द्वारा इस योजना के 3,810 पात्र वृक्षों की पहचान की। इन प्राणवायु देवता वृक्षों की वार्षिक पेंशन राशि जोकि 2750 रुपए है इस राशि को वृक्ष के परिरक्षक के खाते में वृक्ष के रखरखाव और देखभाल के लिए जमा किया जाएगा। इस पेंशन राशि में वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के अनुरूप वार्षिक वृद्धि भी की जाएगी।

                चयनित प्राणवायु देवता वृक्षों में लगभग 40 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें पीपल, बरगद, नीम, आम, जाल, गूलर, कृष्ण कदंब, पिलखन आदि प्रमुख हैं। ये सभी वृक्ष भारतीय हैं और इनका अत्यधिक पारिस्थितिकी महत्व है। ये पुराने वृक्ष विभिन्न भूमि पर खड़े हैं, जैसे कि निजी, पंचायती, संस्थागत और सरकारी संपत्ति पर। वन भूमि पर खड़े वृक्षों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है।

                इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री जवाहर यादव, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री भारत भूषण भारती, मीडिया सचिव श्री परवीन अत्रे, मुख्य मीडिया समन्वयक श्री सुदेश कटारिया और अन्य भी उपस्थित थे।