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तबाही देख चुका हिमाचल स्थित मनाली एक बार फिर पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार । हिमाचल फिर पर्यटकों से गुलजार होने लगा है।


26 अक्टूबर (GAURAV GARG ) जुलाई में प्राकृतिक आपदा के बाद ठंडा पड़ा मनाली का पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट रहा है। पिछले सप्ताह की तुलना इस सप्ताह पर्यटकों की संख्या में दोगुना बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। होटलों के 30 से 50 प्रतिशत तक कमरे पैक हैं। आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। जुलाई महीने में प्राकृतिक आपदा के बाद मनाली का पर्यटन कारोबार ठप हो गया था। मनाली सुनसान हो गई थी। लेकिन अब त्योहारी सीजन ने आपदा के जख्मों पर मरहम लगाने का काम कर दिया है। दशहरा उत्सव शुरू होते ही पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई । सरकार और होलट संचालकों की ओर से की और से पर्यटकों को कईन शानदार ऑफर्स दिए जा रहे हैं,, जिसकी वजह से पर्यटक हिमाचल आने के लिए आतुर हो रहे हैं।
रोहतांग दर्रा में रोज 400 से अधिक वाहन पहुंच रहे हैं। होटलों की ऑक्यूपेंसी 30 से 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है। आने वाले दिनों के लिए भी अच्छी बुकिंग चल रही है। त्योहार सीजन में होटल कारोबारी पर्यटकों को छूट दे रहे हैं। कहीं 20 तो कहीं 30 प्रतिशत की छूट चल रही है। पर्यटन निगम भी 20 प्रतिशत की छूट दे रहा है। कई होटलों ने तीन से चार दिन का पैकेज बनाया है।
इतना ही नहीं, पर्यटन विकास निगम ने रोहतांग के लिए बस सेवा भी शुरू की है। रोजाना 17 सीटर बस पैक होकर रोहतांग पहुंच रही है। निगम के परिवहन प्रभारी रामपाल ने बताया कि पिछले सप्ताह हालांकि पर्यटकों की संख्या कम थी लेकिन अब दशहरा सीजन में पर्यटक बढ़ गए हैं। हर रोज बस पैक होकर जा रही है। वीकेंड में पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। अब आपको बताते हैं मनाली में घूमने के लिए कौन सी जगहें हैं,,

*मलाना*
मलाना मनाली से ढाई घंटे दूर रहस्‍यों से भरा एक सुंदर गांव है । इस गांव की ओर लोग बहुत तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। दिलचस्‍प बात है कि यह गांव भारत के संविधान को नहीं मानता। गांव का अपना ही प्रजातंत्र है। यहां की काउंसिल को हाकिमा कहते हैं, जिसके हायर और लोअर कोर्ट भी हैं। यहां आपको पत्‍थर और लकड़ी से बने कई खूबसूरत मंदिर देखने को मिलेंगे।

*हिडिम्बा देवी मंदिर*
मनाली के पहाड़ों में स्थित हिडिम्बा देवी मंदिर ) यहां के दर्शनीय स्थल में से एक हैं. आप मनाली की पहाड़ियों पर घूमने जा रहे हैं या मनाली में है तो इस मंदिर में जरूर जाएं... यहां पर पहाड़ों के बीच आपको खूबसूरत और शांति का माहौल देखने को मिलेगा...
*मणिकरण साहिब गुरुद्वारा*
मणिकरण साहिब गुरुद्वारा मनाली से करीब 39 किलोमीटर दूर स्थित है. ..यहां का घूमने के साथ ही धार्मिक महत्व भी है. मणिकरण साहिब में गर्म पानी का कुंड है.. आप यहां पर डुबकी लगाकर पवित्रता का अहसास करेंगे...

*रोहतांगपास*
रोहतांग पास मनाली से 51 किमी की दूरी पर और 13050 फीट की ऊंचताई पर स्थित एक मशहूर जगह है, यह लाहौल-स्पीति घाटी से भी जुड़ा हुआ है। यहां के नजारे देखते ही बनते हैं, जो आपको काफी मंत्रमुग्ध कर देंगे। बता दें कि अगर आप यहां प्राइवेट या पर्यटक वाहन से जा रहे हैं तो आपको इसके लिए पास लेना होगा, क्योंकि इस जगह पर जानें के लिए हर दिन केवल 1200 पर्यटक वाहनों के जानें की अनुमति दी गई है।
*सोलंग घाटी*
सोलंग घाटी भी मनाली के पास घूमने के लिए अच्छा स्थान हैं। यह जगह मनाली से 12 किमी की दूरी पर स्थिती है और आप यहां पर घुड़सवारी, पैराग्लाइडिंग, स्नो स्कूटर, माउंटेन बाइक, रोपवे जैसी गतिविधियां कर सकते हैं। देश के पीएम भी इस जगह पर पैराग्लाइडिंग का आनंद उठा चुके हैं।

*अटल टनल*
पीर पंजाल की पहाड़ी को काटकर बनाई गई 9 किमी लंबी अटल टनल का नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर पड़ा है। यह मनाली से 18 किमी की दूरी पर स्थिती है और लाहुल की वादियों में पहुंचने के लिए इस टनल को पार करना पड़ता है। इस टनल को पार करने में करीब 10 से 12 मिनट का समय लगता है।

*मनाली वाईल्ड लाईफ सेंचुरी*
मनाली से दो किमी की दूरी पर स्थित मनाली वाईल्ड लाईफ सेंचुरी प्रकृति से जुड़े लोगों के लिए लिए काफी अच्छी जगह है। यहां पर देवदार, कैल, अखरोट और मेपल के पेड़ इस स्थान को काफी सुंदर बनाते हैं। इसको घूमने के लिए एक घना जंगली स्थान भी कहा जा सकता है, जहां पर सैलानी हिम तेंदुआ, तेंदुआ, ब्राउन बियर, इबेक्स, मस्क हिरन जैसे जानवर भी देखने को मिलते हैं। यह एक वाईल्डलाइफ को ऑब्जर्व करने के लिए एक अच्छा वाइल्ड लाईफ पार्क है। यह पार्क करीब 300 एकड़ में फैला हुआ है।

*नेहरू कुंड*
नेहरू कुंड रोहतांग पास जाने वाले रास्ते पर पड़ता है, जो कि मनाली से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां पर एक नैचुरल स्प्रिंग है और भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जब मनाली आते थे तो वह इस कुंड का ही पानी पिया करते थे। यहां घूमने का अच्छा समय मई से लेकर अक्टूबर माह के बीच का है। इस कुंड में भ्रिगु झील से पानी आता है जो कि एक दम साफ सुथरा होता है। यहां के नजारे भी पर्यटकों को काफी सम्मोहित करते हैं।