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शरद पूर्णिमा पर लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, पंजाब और हरियाणा में क्या रहेगी टाइमिंग

गुरुग्राम (KK) शरद पूर्णिमा पर इस पर चंद्र ग्रहण का साया रहेगा, यह साल का आखरी चंद्र ग्रहण होगा। ऐसे में चंद्रमा के भोग के लिए घर में बनने वाली खीर चांद की रोशनी में सीमित समय के लिए ही रखी जा सकेगी। दरअसल, इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा और खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने का खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती है, इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा और खुले आसमान के नीचे खीर रखना और फिर उसे अगली सुबह खाने का महत्व है। इसके कई औषधि गुण भी होते हैं। यह एक खगोलीय घटना है, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है जो की इंडिया के साथ-साथ अफ्रीका, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका के कई देशों में देखने को मिलेगा।इस साल शरद पूर्णिमा का त्योहार चंद्र ग्रहण के साये में मनाया जाएगा। जो आधी रात को लगेगा और इसका सूतक दोपहर में शुरू होगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर दिन में ही पूजा-अर्चना समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। चंद्रमा की शीतल रोशनी में बनाई जाने वाली खीर इस बार ग्रहण के कारण आधी रात को नहीं बनाई जाएगी। यह स्थिति 9 साल के बाद बन रही है। 28 अक्टूबर की रात 1 बजकर 6 मिनट से यह चंद्र ग्रहण शुरू हो जाएगा, जो की रात 2 बजकर 22 मिनट तक चलेगा। इसलिए चंद्र ग्रहण से पहले ही यह कार्य पूरा करना होगा।
ग्रहण की समाप्ति के बाद खीर बनाना ही ज्यादा शुभ रहेगा. मान्यता है कि ग्रहण और सूतक काल के दौरान न तो खाना बनाया जाता है न ही खाना खाया जाता है। शरद पूर्णिमा की तिथि 28 अक्टूबर की सुबह 4 बजकर 17 मिनट से शुरू हो जाएगी और इसका समापन अगले दिन 29 अक्टूबर की सुबह 1 बजकर 53 मिनट पर होगा। पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 5 बजकर 20 मिनट रहेगा। रात को चंद्र ग्रहण शुरू होगा ऐसे में संभव हो तो से पहले खीर को हटा लें या ग्रहण के बाद ही इसे बनाएं।