खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने ब्राजील स्थित माटो ग्रोसो राज्य के गवर्नर के साथ द्विपक्षीय बैठक की
आरएस अनेजा, नई दिल्ली
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने आज नई दिल्ली में ब्राजील के माटो ग्रोसो राज्य के गवर्नर मौरो मेंडेस फरेरा के साथ एक द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री मिन्हाज आलम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वहीं, ब्राजील की ओर से गवर्नर के साथ भारत में ब्राजील के राजदूत केनेथ नोब्रेगा और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे।
दोनों पक्षों ने भारत और ब्राजील के बीच 70 वर्षों से भी अधिक पुराने ऐतिहासिक संबंधों के बारे में चर्चा की। इस बैठक का इसका उल्लेख किया गया कि हालिया उच्च-स्तरीय बातचीत व यात्राएं द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता के प्रमाण हैं और इस गति को जारी रखने, टिकाऊ और मजबूत करने की जरूरत है। पशुपति कुमार पारस ने इसे रेखांकित किया कि भारत और ब्राजील के प्रधानमंत्रियों ने जी7 शिखर सम्मेलन के साथ-साथ जी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर काफी उपयोगी बैठकें कीं।
वहीं, गवर्नर मौरो मेंडेस फरेरा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत, ब्राजील के लिए एक प्रमुख रणनीतिक भागीदार देश है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार के दूरदर्शी कदमों की ब्राजील सराहना करने के साथ बधाई देता है। इसके अलावा गवर्नर मौरो मेंडेस फरेरा ने भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की हालिया सफलता और भारत के खाद्य प्रसंस्करण, औषध (फार्मा) व ऊर्जा क्षेत्रों के ठोस प्रदर्शन की सराहना की।
पारस ने माटो ग्रोसो राज्य की कृषि-जलवायु के अनुरूप ब्राजील में कृषि खाद्य उत्पादन की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। वहीं, ब्राजील के अधिकारियों ने आने वाले वर्षों के दौरान भारत में सोयाबीन, मक्का, कपास, पोल्ट्री मांस आदि के अपने निर्यात को बढ़ाने में रुचि व्यक्त की।
दोनों पक्षों ने खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे के रणनीतिक महत्व को मान्यता दी। कृषि खाद्यान्न के सबसे बड़े उत्पादक में से एक के रूप में भारत और खाद्यान्नों के सबसे बड़े निर्यातक के रूप में ब्राजील विश्व के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर सकते हैं। ब्राजीलियाई पक्ष ने इस बात को रेखांकित किया कि साल 2022 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 32 प्रतिशत बढ़कर 15.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है।
दोनों पक्षों ने विशेष रूप से वस्तुओं और मानव संसाधन के आदान-प्रदान के संबंध में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आगे सहयोग व समन्वय स्थापित करने और संभावनाओं को तलाशने पर चर्चा की। अंत में दोनों पक्ष ने वस्तुओं और विचारों के अधिक से अधिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने को लेकर एक-दूसरे के साथ साझेदारी में काम करना जारी रखने पर अपनी सहमति व्यक्त की।
*****