केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी भवन, तिरूपति के भूमि पूजन और शिलान्यास समारोह को वर्चुअल रूप में संबोधित किया
आरएस अनेजा, नई दिल्ली
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज जीएसटी भवन, तिरूपति सीजीएसटी आयुक्तालय के भूमि पूजन और शिलान्यास समारोह को वर्चुअल रूप में संबोधित किया। नया जीएसटी भवन, कर प्रशासन में अवसंरचना और दक्षता को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राजस्व विभाग के सचिव संजय मल्होत्रा भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से शामिल हुए। इस कार्यक्रम में श्री संजय कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी); श्री विवेक रंजन मंडल सदस्य, सीबीआईसी; श्री संजय पंत, मुख्य आयुक्त सीजीएसटी और सीमा शुल्क, विशाखापत्तनम मंडल; श्री शिशिर बंसल, एडीजी, सीपीडब्ल्यूडी हैदराबाद क्षेत्र; विभाग, राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और व्यापार एवं उद्योग जगत के वरिष्ठ प्रबंधन प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भूमि पूजा और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सीजीएसटी और सीमा शुल्क वाईजैग मंडल को बधाई दी और मंडल को राजस्व अर्जन में सकारात्मक रुझान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। केंद्रीय वित्त मंत्री ने करदाताओं को सुविधा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और घोषणा की कि आंध्र प्रदेश राज्य के लिए जीएसटी सेवा केंद्रों के माध्यम से बायोमेट्रिक-आधारित आधार प्रमाणीकरण की मंजूरी दे दी गई है। तिरूपति आयुक्तालय ने पिछले वर्ष 8,264 करोड़ रुपये तथा सितंबर 2023 तक 5,019 करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्व का संग्रह किया है। आयुक्तालय ने हाल के कुछ वर्षों में जीएसटी प्रशासन में लगभग 300% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज करते हुए काफी प्रगति की है। इस शानदार वृद्धि में प्रमुख योगदान यात्री वाहनों, सीमेंट और ऑटोमोटिव बैटरियों के निर्माण का रहा है।
अपने वर्चुअल संबोधन के दौरान, मल्होत्रा ने तिरूपति आयुक्तालय के भूमि पूजन और सीबीआईसी द्वारा शुरू की जा रही विभिन्न अवसंरचना परियोजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि राजस्व वृद्धि और कानून प्रवर्तन को साथ-साथ काम करना चाहिए और अभियोजन से संबंधित सभी मामलों में तेजी लाई जानी चाहिए और उन्हें समय पर तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाना चाहिए। श्री मल्होत्रा ने सभी अधिकारियों से करदाताओं के लिए शिकायत निवारण व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखने का भी अनुरोध किया।