मनोहर सरकार के प्रयासों से आज विदेशों में भी मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीयगीता महोत्सव

चंडीगढ़, (KK)– श्रीमद्भगवद् गीता के कर्म के संदेश को अपने जीवन का आधार मानने वाले हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सामाजिक परिवेश में सदैव लोगों को गीता के ज्ञान को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री के प्रयासों से हरियाणा सरकार द्वारा हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों लोग हिस्सा लेते हैं। गौरतलब है कि वर्ष 1989 में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा गीता की जन्मस्थली कहे जाने वाले कुरुक्षेत्र में जिला स्तर पर गीता जयंती कार्यक्रम मनाने की शुरुआत की गई थी, जिसे मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में वर्ष 2016 से आज विदेशों में पहुंचाया है और हर वर्ष कोई न कोई देश अपने यहां गीता महोत्सव के आयोजन कर रहा है।

        मुख्यमंत्री, जिन्होंने गीता को अपनी राजनीति की धुरी माना है, सदैव कहते हैं कि गीता मनुष्यों को अपना कर्तव्य सही ढंग से निभाने, न्यायपूर्ण कर्म करने और सामाजिक व्यवस्थाओं की पालना करने के लिए प्रेरित करती है। गीता में कर्तव्य पालन और कर्म करने पर ज़ोर दिया गया है, इसलिए गीता को कर्मयोग का शास्त्र भी कहा जाता है। मुख्यमंत्री स्वयं गीता के श्लोक- कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन अर्थात कर्म करो और फल की चिंता मत करो, के सिद्धांत पर कार्य करते हैं और इसी भाव-भावना के साथ उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र सेवा को समर्पित किया है।

 

कुरुक्षेत्र में 7 दिसंबर से 24 दिसंबर, 2023 तक होगा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन

 

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हरियाणा सरकार और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में भव्य तरीके से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस बार ब्रह्मसरोवर पर 7 दिसंबर से 24 दिसंबर, 2023 तक गीता महोत्सव का एक अलौकिक स्वरूप देखने को मिलेगा। महोत्सव का सबसे खास पल वह होगा, जब भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ का कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर आगमन होगा। उप राष्ट्रपति 17 दिसंबर, 2023 को ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में पवित्र ग्रंथ गीता का पूजन करेंगे और ब्रह्मसरोवर के पवित्र जल का आचमन करेंगे। इसके अलावा, 17 दिसंबर को ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में गीता सेमिनार का भी उद्घाटन करेंगे।

        गीता एक ऐसा अलौकिक प्रकाश पुंज है, जो काल, देश और सीमाओं से परे है, जो सर्वकालिक, सार्वभौमिक और चिरस्थायी है। गीता के इसी ज्ञान को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य पूरे विश्व में श्रीमद्भगवद् गीता के शांति, सद्भाव और भाईचारे के संदेश को फैलाना है। वर्ष 2016 के बाद से अब तक मॉरीशस, लंदन, कनाडा और आस्ट्रेलिया में अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा चुका है। कनाडा में बाकायदा गीता के नाम से एक पार्क भी स्थापित किया गया है। इसके अलावा कनाडा में पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गगीता स्थापित की गई है।

48 कोस तीर्थ की परिधि में पड़ने वाले लगभग 134 तीर्थ स्थलों का जीर्णोद्धार

        मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने राजनीति से ऊपर उठकर विश्व को कर्म का सिद्धांत देने वाली गीता की धरती धर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, जींद व पानीपत जिलों में पड़ने वाले लगभग 134 तीर्थ स्थलों का जीर्णोद्धार कराने की एक नई पहल की है। इसके तहत 48 कोस में आने वाले महाभारत, रामायण व वामन पुराण में वर्णित तीर्थ स्थलों के प्राचीन, धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व के दृष्टिगत इनका जीर्णोद्धार कर और भव्य बनाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान भी आगंतुकों को इन 48 कोस के तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाई जाती है, ताकि वे हरियाणा की समृद्ध व आध्यात्मिक संस्कृति से परिचित हो सकें।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने पिछले 9 सालों में भौतिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक व पौराणिक धरोहर को भी संजोने का काम किया है और इसी दिशा में हरियाणा निरंतर आगे बढ़ रहा है। सरकार का प्रयास है कि हरियाणा की महान संस्कृति के जीवन मूल्य नई व युवा पीढ़ी तक पहुंचे और युवा पीढ़ी गीता के ज्ञान को अपने जीवन में अपनाएं।

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