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हरियाणा ने ओडीएफ प्लस 79.63 प्रतिशत प्रगति हासिल की

चंडीगढ़, (KK)- हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि राज्य में रहने वाले नागरिकों को स्वच्छ माहौल मुहैया करवाते हुए अब तक 5411 गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर 79.63 प्रतिशत की सफलता हासिल कर ली है। 

मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल आज यहां स्वच्छ भारत योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उपायुक्त, सीईओ, पंचायतें और सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

        उन्होंने कहा कि अब तक 3777 आकांक्षी, 391 उभरते और 1243 मॉडल श्रेणी गांवो ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर लिया है।  

        मुख्य सचिव ने इस उपलब्धि को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव, विकास एवं पंचायत और अन्य अधिकारियों की सराहना की। यह उल्लेखनीय प्रगति पिछले राष्ट्रीय औसत उपलब्धि स्तर में बेहतर सुधार हुआ है।

मुख्य सचिव ने जिला के 80 प्रतिशत ओडीएफ प्लस कवरेज हासिल उन अधिकारियों को प्रोत्साहित किया ताकि वे अगले 15 दिनों के भीतर 100 प्रतिशत ओडीएफ प्लस के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल कर सकें। उन्होंने कहा कि वे इस महत्वपूर्ण कार्य में सक्रिय रूप से योगदान दें।

        मुख्य सचिव ने ओडीएफ प्लस पहल में थोड़ा पीछे रहने वाले जिलों से इन प्रयासों में तेजी लाने और अगले 45 दिनों के अन्दर सफल कार्यान्वयन का लक्ष्य रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन जिलों में पंचायतों के सीईओ ओडीएफ प्लस कार्यान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अन्य जिलों का दौरा करवाएं ताकि उनकी बेहतर व्यवस्था को अपना सकें।

        मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को पूरे राज्य में ओडीएफ प्लस का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने तथा 31 दिसंबर तक 100 प्रतिशत सफलता प्राप्त करने की समय सीमा निर्धारित की।

        बैठक में बताया गया कि राज्य ने ग्रामीण क्षेत्रों में एकल गड्ढों, सेप्टिक टैंकों से कीचड़ हटाने और मल निपटान के लिए नीति बनाई है। जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग ने सह-उपचार के लिए 94 एसटीपी निर्माण को स्वीकृति दी है। एसटीपी निर्माण के इन कार्यो के लिए 10.80 करोड़ आवंटित किए गए और 31 जनवरी, 2024 तक इनका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मल प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सभी गांवों की मैपिंग करके उन्हें एसटीपी से जोड़ने की व्यवस्था को अपनाया गया है। इसके लिए 451 गांवों को गंदगी मुक्त करने की पहचान की गई है और 263 गावों को पंजीकृत किया गया है।

मुख्य सचिव ने डीसी को एसटीपी साइटों की पहचान कर मैिपगं करने और विभाग के माध्यम से कीचड़ हटाने और सीवेज उपचार प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने में मदद वालों की एक सप्ताह में ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। 

3,293 गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं स्थापित की गईं

अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास एवं पंचायत श्री अनिल मलिक ने बताया कि हरियाणा में अब तक 3,293 गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं। विशेष रूप से पिछले चार महीनों में 1,002 गांवों में भी यह सुविधा उपलब्ध हुई है। राज्य में कुल 5,258 एसडब्ल्यूएम शेड परियोजनाओं को मंजूरी मिली है।

        बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा दो महीने के अन्दर हर ब्लॉक कम से कम एक प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई स्थापित की जाएगी और प्रत्येक खण्ड के लिए 16 लाख रुपये आवंटित किए गए है। 

बैठक में महानिदेशक, विकास एवं पंचायत श्री दुष्मंता कुमार बेहरा और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।