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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजघाट के समीपगांधी दर्शन में महात्मा गांधी की 10 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया

आरएस अनेजा, नई दिल्ली

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में राजघाट के समीप गांधी दर्शन में महात्मा गांधी की 10 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। अपने संबोधन में, रक्षा मंत्री ने कहा कि यहप्रतिमा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी केप्रतिश्रद्धांजलि स्वरूपहै, जिन्होंने भारत को विदेशी शासन से मुक्त कराने में केंद्रीय भूमिका निभाई और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्यकिया ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें।

 “गांधीजी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने एक सुदृढ़, समृद्ध और स्वच्छ भारत की परिकल्पना की थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली हमारी सरकार राष्ट्रपिता के पद-चिन्होंपर चल रही है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जन-धन-योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्रीगरीब-कल्याण योजना और स्वच्छ भारत जैसी योजनाएं उनके विचारों पर आधारित हैं।”उन्होंने जोर देकर कहा कि महात्मा गांधी आज भी प्रत्येक भारतवासी के हृदय में निवास करते हैं, जबकि मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला जैसे महान नेताओं ने अपने देशों में लोगों की भलाई के लिए उनके विचारों और दृष्टिकोण से प्रेरणा ली।

रक्षा मंत्री ने महात्मा गांधी, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे क्रांतिकारियों का स्‍मरण किया, जिन्होंने देशभक्ति और प्रतिबद्धता के साथ हाशिए केवर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया। “ये महापुरुषहमारी सरकार के लिए मार्गदर्शक हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी का ‘सबका साथ, सबका विकास’का दृष्टिकोण उनके सपनों पर आधारित है। हमारी विचारधारा शांति, सामाजिक सद्भाव, एकता और विकास पर आधारित परिवर्तन लाने की है।’’

राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का ध्यान हमेशा नियोजित प्रगति पर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने गांधीजी को न केवल एक स्वाधीनता सेनानी, बल्कि एक आर्थिक विचारक भी बताया, जिनका मानना था कि ‘दुनिया के पास हर किसी की जरूरत के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के लालच के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है।’ “जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, हमारा प्रयास न केवल कमजोर वर्गों का उत्थान करना है, बल्कि उन्हें सशक्त बनाना भी है। सभी वर्गों के समान विकास से देश का सुरक्षा परिदृश्य सुदृढ़ होगा।”

 रक्षा मंत्री ने हाशिए पर रहने वाले वर्गों को दिए जा रहे उचित महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे अब लगभग हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं। उन्होंने फिक्की की तर्ज पर कमजोर वर्ग के लिए गठित भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य परिसंघ का जिक्र किया, जिसमें 10,000 से अधिक सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने हाशिए पर मौजूद वर्गों को देश का सबसे बड़ा आकांक्षी वर्ग बताया और उनकी पहचान के लिए इस्तेमाल की जाने वाले‘उपनाम’को समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा किअब उनके लिए नई संज्ञा या शब्दावली गढ़ने का समय आ गया है, जो इन वर्गों की आकांक्षाओं को परिभाषित कर सके।

राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार यह सुनिश्चित कर रही है। महिलाएं अब पुरुषों के समानही सशक्त हो रही हैं और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि “ऐसा भी समय था जब नारी के लिए अबला (कमजोर) जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब, अबला का स्थान शक्ति ने ले लिया है क्योंकि हमने अपनी महिलाओं की असली शक्ति को पहचान लिया है। वे न केवल निर्वाचित होकर राजनीति में प्रवेश कर रही हैं; वे भी मातृभूमि की रक्षा के लिए सशस्त्र बलों में शामिल हो रही हैं। महिलाओं को उनके राजनीतिक अधिकार मिले यह सुनिश्चित करने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया। उन्होंने कहा कि यह अबला नारी से नारी शक्ति तक - एक परिवर्तनकारी यात्रा है।

रक्षा मंत्री ने देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ईमानदारी और समर्पण के साथ लोगों की सेवा जारी रखने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि यही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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