बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ & बेटी खिलाओ को हरियाणा आगे बढ़ा रहा- सीएम

चंडीगढ़ (KK) हरियाणा के पारंपरिक खेल कबड्डी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे है। इसके लिए आज ‘वर्ल्ड कबड्डी’ नामक संस्था के प्रतिनिधि मंडल ने हिपसा अध्यक्ष के साथ नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से औपचारिक भेंट कर हरियाणा को कबड्डी विशेषकर महिला कबड्डी को बढ़ावा देने में लीड करने का आग्रह किया है। हरियाणा को कबड्डी खेल का जनक माना जाता है और इस प्रदेश को भारत की खेल राजधानी कहा जाता है।


      इस प्रतिनिधि मंडल में वर्ल्ड कबड्डी संस्था के अध्यक्ष श्री अशोक दास (इंग्लैंड), महासचिव एसटी अरासू (मलेशिया) व श्रीमति कवल राज (इंग्लैंड), उपाध्यक्ष डा. ओसामा सैद हाशम (मिश्र), कार्यकारिणी सदस्य सुश्री परपेचुअल म्बूतु (केनिया) शामिल थे। इस मौके पर होलिस्टिक इंटरनेशनल प्रवासी स्पोर्टस एसोसिएशन ( हिपसा) की अध्यक्ष श्रीमति कांथि डी सुरेश, हरियाणा भवन के प्रधान स्थानीय आयुक्त डा. डी सुरेश तथा मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान ओएसडी नीरज दफ्तुआर भी उपस्थित थे।     

          

       प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि उनकी सरकार पहले से ही बेटी बचाव, बेटी पढ़ाओ व बेटी खिलाओ की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने हरियाणा के पारंपरिक खेल कबड्डी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास की प्रशंसा की। सीएम ने कहा कि हरियाणा में बचपन से ही गांव-गांव में कबड्डी व कुश्ती खेले जाते हैं। उन्होंने हिपसा व वर्ल्ड कबड्डी के प्रतिनिधियों से कहा कि आप कबड्डी का देश विदेश में प्रसार करें और इसके लिए हरियाणा सरकार पूरा सहयोग देने को तैयार है। सीएम श्री मनोहर लाल ने अपनी खेल के प्रति भावनाएं प्रकट करते हुए कहा कि कबड्डी उनका भी पसंदीदा खेल रहा है और अब भी जब कहीं राहगिरी का कार्यक्रम होता है तो उसमें कभी कभी कबड्डी खेल में वे हिस्सा लेकर दूसरों को कबड्डी खेलने के लिए प्रेरित करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जब महिला कबड्डी के विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की इस मुहिम का पता चलेगा तो वे बहुत खुश होंगे क्योंकि वे भी स्थानीय खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं।


       इस प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को बताया कि उनका संगठन विश्व के 50 से अधिक देशों में सक्रियता से काम कर रहा है। हिपसा के साथ मिलकर इस संगठन का लक्ष्य विश्व स्तर पर कबड्डी खेल ( नेशनल स्टाइल) को बढ़ावा देना है और इस खेल को ओलंपिक में शामिल करवाना है। उन्होंने बताया कि अभी तक कबड्डी एशियाई खेलों में ही शामिल है। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि उनका लक्ष्य महिला कबड्डी ( नेशनल स्टाइल) का पहली बार वर्ल्ड कप करवाना है। इसके लिए पहले चरण में 20 देशों की पहचान की गई है और हर वर्ष 20 नए देश जोड़े जाएंगे। इस प्रकार पूरे विश्व में महिला कबड्डी का प्रसार होगा। उन्होंने कहा कि खेलों की कोई भाषा नहीं होती है। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि विश्व स्तर के खिलाड़ियों को एक मंच प्रदान करते हुए एक दूसरे के देश में खेले जा रहे खेल को समझने का मौका देने के लिए ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने पर भी विचार किया गया है।


        भारतीय खिलाड़ी विशेषकर महिलाएं विश्व के दूसरे देशों में जाकर वहां की कबड्डी के खेलने के तौर तरीके जान सकेगीं और इससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी होगा। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि सन 2019 से वे हर वर्ष 24 मार्च को वर्ल्ड कबड्डी डे मनाते आ रहे हैं और वर्ष 2024 में इस दिवस का थीम- ‘कबड्डी क्रिएटिड बाय मेन एंड परफेक्टिड बाई विमेन’ रखा गया है। पूरे साल इस थीम के साथ महिला कबड्डी को लोकप्रिय बनाने के प्रयास होंगे। इस प्रकार हरियाणा के पारंपरिक खेल कबड्डी को दुनिया में पहचान दिलाने का यह पहला विश्व स्तरीय प्रयास होगा। श्री दास ने कहा कि उनकी संस्था चाहती है कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को पूरे विश्व में पहचान दिलाई और 21 मई को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करवाया है, वैसे ही 24 मार्च को वर्ल्ड कबड्डी डे होना चाहिए।


        हिपसा की अध्यक्ष श्रीमति कांथि डी. सुरेश ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय खेलों के बारे में बात करते हुए कबड्डी को ग्लोबल स्तर पर बढ़ावा देने की इच्छा जाहिर की है, क्योंकि उनका मानना है कि स्थानीय खेल प्रवासी भारतीयों को आपस में जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं । उन्होंने कहा कि सन् 2036 में भारत ने ओलंपिक की मेज़बानी की इच्छा जताई है, यदि ऐसा हुआ तो मेजबान देश उसमें कबड्डी को जुड़वा सकता है ।    उन्होंने कहा कि उनकी  संस्था हिपसा कबड्डी खेल को विश्व भर में प्रसारित करवाने में पूरा सहयोग देगी और हरियाणा इस मुहिम से जुड़ेगा तो कबड्डी को जल्द लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी।

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