जींद जिला में स्थापित की जाएगी औद्योगिक मॉडल टाउनशिप, ई भूमि पोर्टल पर जमीन उपलब्ध होने पर की जाएगी अग्रिम कार्रवाई-उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़ , (KK) - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जिला जींद में एनएच-152 डी और दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के क्रॉस जंक्शन के पास एक औद्यो गिक मॉडल टाउनशिप स्थापित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।

वे आज यहाँ हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के एक सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न का ज़वाब दे रहे थे।

डिप्टी सीएम ने बताया कि जिला जींद में राज्य सरकार की मंजूरी लेने के बाद दो संभावित स्थलों की पहचान की गई है और सभी तंत्रों यानी ई-भूमि, लैंड पूलिंग पॉलिसी-2022 और लैंड पार्टनरशिप पॉलिसी-2022 के माध्यम से खरीद के लिए प्रक्रिया की गई है। ई-भूमि पोर्टल पर भूमि मालिकों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के आधार पर साइट/क्षेत्र को अंतिम रूप दिए जाने के बाद एचएसआईआईडीसी द्वारा विस्तृत विशिष्ट साइट मूल्यांकन किया जाएगा। दोनों स्थलों के गांवों का विवरण देते हुए बताया कि साइट-1 (अस्थायी क्षेत्र 2000 एकड़)  जिसमें खरक गाडियान (लगभग 440 एकड़), धतरथ (लगभग 1080 एकड़), जामनी (315 एकड़ लगभग), खेरी तलोदा (150 एकड़ लगभग) और अमरावली खेड़ा (15 एकड़ लगभग ) में जमीन प्रस्तावित है। इसी प्रकार , साइट- II (अस्थायी क्षेत्र 1800 एकड़) के गांव जामनी (लगभग 890 एकड़), भूरान (610 एकड़ लगभग), अमरावली खेड़ा (300 एकड़ लगभग) जमीन प्रस्तावित है।

श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जींद जिला के गांव जामनी, अमरावली खेड़ा, खरक गाडियान, धतरथ और भूरान की राजस्व सम्पदा सफीदों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती है तथा गाँव खेड़ी तलौदा की राजस्व संपदा जींद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती है।

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री चौटाला ने बताया कि जिन बीमित किसानों की फसल रबी 2022-23 में ओलावृष्टि व जलभराव से खराब हुई है उन सभी किसानों को उनकी फसलों में हुये नुकसान का क्लेम योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार जारी किया जा रहा है।

  वे आज यहाँ हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के कुछ सदस्यों द्वारा लाये गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का ज़वाब दे रहे थे।

  डिप्टी सीएम ने बताया कि रबी फसल 2022-23 के दौरान राज्य में सरकार की योजना के तहत सरसों व गेंहू की ख़राब हुई फसल के लिए जिला हिसार, सिरसा, भिवानी व फतेहाबाद में कुल 3,70,277 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें 35,365 किसानों को 65.18 करोड रूपये का क्लेम जारी किया जा चुका है और शेष क्लेम वितरण के लिए प्रक्रियाधीन हैं।
         उन्होंने जिलावार जानकारी देते हुए बताया कि हिसार जिला में सरसों की फसल के लिए 6.38 करोड़ रूपये , गेहूं की फसल के लिए 3.59 करोड़ रूपये , सिरसा जिला में सरसों की फसल के लिए 5.50 करोड़ रूपये , गेहूं की फसल के लिए 91.23 करोड़ रूपये , फतेहाबाद जिला में सरसों की फसल के लिए 4.87 करोड़ रूपये , गेहूं की फसल के लिए 2.04 करोड़ रूपये, तथा भिवानी जिला में सरसों की फसल के लिए 51.30 करोड़ रूपये , गेहूं की फसल के लिए 23.04 करोड़ रूपये का किसानों द्वारा क्लेम किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार खरीफ 2016 से लागू किया जा रहा है। खरीफ सीजन में धान, बाजरा, मक्का, कपास, मूंग व रबी सीजन में गेंहू, सरसों, चना, जाँ तथा सूरजमुखी को इस योजना के तहत बीमित किया जा रहा है। इस योजना के अधीन किसानों का प्रीमियम का हिस्सा खरीफ में बीमित राशि का 2 प्रतिशत, रबी के लिए बीमित राशि का 1.5 प्रतिशत तथा बागवानी व वाणिज्यिक फसलों के लिए 5 प्रतिशत होता है।

  श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा सरकार किसानों के हितों की रक्षा हेतु अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग है इसलिए उनके सामने आने वाले सभी जोखिमों के शमन के लिए अग्रिम कदम उठाये जाते है। जब भी कोई प्राकृतिक आपदा या कोई अन्य आपदा आती है, तो सरकार पीड़ितों की तुरंत सहायता करती है और नीति के अनुसार उन्हें मुआवजा भी देती है।
  उन्होंने कहा कि हम सबको पता है कि जुलाई 2023 के दौरान हरियाणा के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में भी अत्यधिक भारी वर्षा हुई। परिणामस्वरूप हरियाणा में बाढ़ ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया और दुर्भाग्यवश जान-माल व जानवरों की हानि तथा संपत्तियों और बुनियादी ढांचे की व्यापक क्षति हुई। उन्होंने कहा कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार सरकार ने राज्य के 12 जिलों के 1469 गांवों और 4 एमसी क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है।

डिप्टी सीएम ने आगा कहा कि सरकार ने यथासमय बाढ़ की रोकथाम और इसके प्रभाव को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए। राज्य सरकार द्वारा प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों के लिए उनके घर, पशुधन, फसलों और वाणिज्यिक संपत्ति के संबंध में क्षति/नुकसान के लिए दावे प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को आसान बनाने, क्षति के सत्यापन और समयबद्ध तरीके से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से मुआवजे के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक क्षतिपूर्ति  पोर्टल लॉन्च किया गया। यह पोर्टल 2 अगस्त 2023 से 25 अगस्त 2023 तक खुला था। राज्य के सभी उपायुक्तो को उपरोक्त पोर्टल के सम्बन्ध में आम नागरिको में उचित प्रचार-प्रसार करने का अनुरोध किया गया था। इस सम्बन्ध में इस पोर्टल पर प्रभावित व्यक्तियों द्वारा दर्ज किये गये दावो की सत्यापन प्रकिया पूर्ण होने उपरांत हरियाणा सरकार के मानदंडो/निर्देशो अनुसार 63,75,500 रूपये पशु हानि के लिए, 5,14,85,000 रूपये क्षतिग्रस्त मकानो के लिए 13,37,500 रूपये घरेलु सामान के लिए 4,85,500 रूपये व्यवसायिक सम्पत्ति (ग्रामीण क्षेत्र) के लिए स्वीकृत किये गये। इसके अतिरिक्त 40 शोक संतप्त परिवारों को 1,60,00,00 रूपये  (प्रति मृतक 4 लाख रुपये)  की राशि स्वीकृत की गई है। बचाव कार्यों के लिए राज्य के 10 जिलों को अतिरिक्त 11.02 करोड रुपये की राशि जारी की गई है।

  उन्होंने यह भी बताया कि जंहा तक फसल के नुकसान के मुआवजे का सम्बन्ध है, सरकार ने लागू मानदंडो का पालन करते हुए, सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा सत्यापन के अधीन, (प्रभावित क्षेत्रो के लिए ) फिर से बोए गए क्षेत्रो के लिए 7,000  रूपये प्रति एकड का मुआवजा प्रदान करने का निर्णय लिया है। राज्य में बाढ प्रभावित 5,77,296.61 एकड क्षेत्र के लिए कुल 1,34,310 किसानों (कपास की फसल को छोडकर) ने पोर्टल पर अपने दावे दर्ज किये है। सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा सत्यापन के बाद, मुआवजे के लिए 97,93,25,839 रूपये की राशि का आंकलन किया गया है, जिसे डीबीटी के माध्यम से जारी कर दिया गया है।


हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश में सभी रेलवे अंडरपास पर लोक निर्माण विभाग द्वारा शेड लगाए जाएंगे, इसकी पॉलिसी बना दी गई है। करनाल और जींद जिला में ये शेड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
        उन्होंने आज यहाँ हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के एक सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न के ज़वाब में बताया कि बरोदा क्षेत्र के जिन अंडरपास का विधायक ने जिक्र किया है वे अंडरपास भारतीय रेलवे के हैं। उन्होंने बताया है कि गांव भैंसवाल खुर्द से गांव माहरा तक सड़क के पहुंच मार्ग पर शेड उपलब्ध कराने का कार्य प्रगति पर है जबकि शेष 6 अंडरपास बनाने का कार्य वर्ष 202324 में प्रस्तावित किया गया है और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जुलाई 2023 में आई बाढ़ से अगर किसी व्यक्ति के मकान को नुकसान हुआ है तो अब भी जिला के उपायुक्त को लिखित में अपील की जा सकती है , अगर जांच के बाद नुकसान की रिपोर्ट सही पाई गई तो भरपाई की जाएगी।

       वे आज यहाँ हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के एक सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न का ज़वाब दे रहे थे।

       डिप्टी सीएम ने बताया कि राज्य में जुलाई, 2023 के दौरान जो बाढ़ आई थी , उसके नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन आमंत्रित किये गए थे।  ऐसे में फसलों के नुकसान (कपास की फसल को छोड़कर) के मुआवजे के लिए कुल 1,34,310 आवेदन प्राप्त हुए थे। इसी प्रकार ,घरों की क्षति के मुआवजे के लिए 6,057 आवेदन और जानवरों की मृत्यु के कारण मुआवजे के लिए 383 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
       श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि मुआवजे के दावों के उचित सत्यापन के बाद राज्य सरकार के निर्धारित मानदंडों के अनुसार मूल्यांकन किया गया है। प्रदेश में फसलों के नुकसान के लिए 97,93,25,839 रुपए (पुनः बोए गए क्षेत्र के लिए 7000 रुपये प्रति एकड़ सहित) मुआवजे के तौर पर डीबीटी के माध्यम से पात्र किसानों को जारी किये जा रहे हैं।
       उन्होंने आगे बताया कि पशु हानि और मकान क्षति के 4,768 दावों के लिए 5,78,60,500 रुपए मंजूर किये गए हैं  जिनमें से 574 दावों का मुआवजा तकनीकी त्रुटि (निष्क्रिय आधार विवरण/बैंक खाता त्रुटियां) के कारण डीबीटी के माध्यम से  लाभार्थियों के खातों में वितरित नहीं किया जा सका। त्रुटि ठीक होने के बाद शेष मुआवजा भी वितरित कर दिया जाएगा।

श्री दुष्यंत चौटाला ने यह भी बताया कि सिरसा जिले में मुआवजे के दावों के उचित सत्यापन के बाद मकान क्षति के 14 आवेदनों के विरुद्ध मुआवजे के रूप में 3,55,000 रुपए स्वीकृत किए गए। उन्होंने आगे बताया कि फसल क्षति के 1,242 दावे प्राप्त हुए हैं और उचित सत्यापन के बाद 3,20,20,574 रुपए का मुआवजा के तौर पर आकलन किया गया है जो कि जारी करने के लिए विचाराधीन है।

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