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राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवात 'मिचौंग' से निपटने की तैयारियों की समीक्षा बैठक की

आरएस अनेजा, नई दिल्ली

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की आज बैठक हुई जिसमें बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवात 'मिचौंग' के लिए राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों की तैयारियों की समीक्षा की गई।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने समिति को चक्रवात 'माइचौंग' की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम पर बना दबाव पिछले 06 घंटों के दौरान 13 किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और आज 11.30 बजे पुडुचेरी से 730 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, चेन्नै से 740 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, नेल्लोर से 860 किमी दक्षिणपूर्व, बापटला से 930 किमी दक्षिणपूर्व और मछलीपट्टनम से 910 किमी दक्षिणपूर्व में अक्षांश 9.5°N और देशांतर 86.0°E पर उसी क्षेत्र पर केंद्रित है।

इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 2 तारीख तक गहरे दबाव में तब्दील होने और 3 दिसंबर के आसपास बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। इसके अलावा, यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 4 दिसंबर की दोपहर तक दक्षिण आंध्र प्रदेश और आसपास के उत्तरी तमिलनाडु के तटों के पास पहुंच जाएगा। इसके बाद, यह दक्षिण आंध्र प्रदेश के तट के लगभग समानांतर उत्तर की ओर बढ़ेगा और 5 दिसंबर की दोपहर के दौरान नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच एक चक्रवाती तूफान के रूप में दक्षिण आंध्र प्रदेश को पार करेगा और हवा की गति 80-90 किमी प्रति घंटे से लेकर 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी।

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के मुख्य सचिवों और पुडुचेरी के वित्त सचिव ने इस समिति को आम जनता के साथ-साथ चक्रवात के संभावित मार्ग में पड़ने वाली संपत्ति की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रारंभिक उपायों और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों से अवगत कराया। मछुआरों को समुद्र में न जाने के लिए कहा गया है। पर्याप्त संख्‍या में आश्रय स्‍थल, बिजली आपूर्ति, चिकित्सा और आपातकालीन सेवाओं को पूरी तरह से तैयार रखा जा रहा है।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी को 18 टीमें उपलब्ध कराई हैं और 10 अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा गया है। तटरक्षक बल, सेना और नौसेना की बचाव और राहत टीमों के साथ-साथ जहाजों और विमानों को स्टैंडबाय पर तैयार रखा गया है।

केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी की राज्‍य सरकारों की तैयारी संबंधी उपायों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने विशेष जोर दिया कि राज्य सरकारों के अधिकारियों द्वारा समस्‍त आवश्यक निवारक और एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए। यह उद्देश्य सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जान-माल का कोई नुकसान न हो और संपत्ति एवं बुनियादी ढांचागत सुविधाओं या अवसंरचना को कम से कम नुकसान हो। इसके अलावा, समस्‍त आवश्यक सेवाएं जल्द से जल्द बहाल की जानी चाहिए।

यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि समुद्र में गए मछुआरे सुरक्षित लौट आएं। तेल रिगों, जहाजों आदि में तैनात कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। कैबिनेट सचिव ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी की सरकारों को आश्वस्त किया कि सभी केन्द्रीय एजेंसियां पूरी तरह तैयार हैं और वे उनकी सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।

इस बैठक में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के मुख्य सचिव, पुडुचेरी के वित्त सचिव, केन्द्रीय गृह सचिव, मत्स्यपालन विभाग के सचिव, विद्युत मंत्रालय के सचिव, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग/पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस/दूरसंचार मंत्रालय के अपर सचिव, एनडीएमए के सदस्य सचिव, आईएमडी के महानिदेशक, तट रक्षक के महानिदेशक, डीसीआईएससी आईडीएस, एनडीआरएफ के महानिरीक्षक और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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