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मुख्यमंत्री ने जींद जिले के लिए 590 करोड़ रुपये की कुल 39 परियोजनाओं का किया उद्घाटन व शिलान्यास

जींद जिले को मुख्यमंत्री ने दी बड़ी सौगात

जींद शहर को नरवाना ब्रांच के माध्यम से भाखड़ा मेन लाइन का मिलेगा पानी, 388 करोड़ रुपये की लागत से नहर आधारित पेयजल आपूर्ति परियोजना का किया शिलान्यास

नरवाना की विभिन्न कॉलोनियों में सीवरेज व्यवस्था भी होगी सुदुढ़, 75.87 करोड़ रुपये होंगे खर्च

मुख्यमंत्री ने जींद जिले के लिए 590 करोड़ रुपये की कुल 39 परियोजनाओं का किया उद्घाटन व शिलान्यास

चंडीगढ़, (KK)- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज संत शिरोमणि सैन जी महाराज की जयंती के अवसर पर जींद जिले को बड़ी सौगात देते हुए जींद शहर में पेयजल आपूर्ति में संवर्धन के लिए नरवाना ब्रांच से भाखड़ा मेन लाइन का पानी उपलब्‍ध करवाने के लिए 388 करोड़ रुपये की लागत से नहर आधारित पेयजल आपूर्ति परियोजना का शिलान्यास किया। इससे लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्‍धता में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने आज जींद जिले के लिए कुल 590 करोड़ रुपये की 39 परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इनमें लगभग 51 करोड़ रुपये की 8 परियोनाओं का उद्घाटन व 539 करोड़ रुपये की 31 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इन परियोजनाओं से जींद जिलावासियों को काफी लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नगर परिषद कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। इसी प्रकार, 3 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत से जींद- हांसी सड़क के चौड़ाकरण व सुदृढ़ीकरण कार्य, 2 करोड़ 52 लाख रुपये की लागत से जींद-भिवानी सड़क की विशेष मरम्मत, 7 करोड़ 88 लाख रुपये की लागत से कालवा-कालावटी-भुटानी-हाट सड़क की विशेष मरम्मत, 5 करोड़ 79 लाख रुपये की लागत से कुरड़ वाया मलार, रोजला सड़क के चौड़ाकरण व सुदृढ़ीकरण, 7 करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से  पिल्लूखेड़ा मंडी से भेरों खेड़ा-धड़ौली-भरताना-ललित खेड़ा सड़क का सुधार कार्य का भी उद़्घाटन किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने आसन व शिवा गांव में सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए आसन गांव वॉटर वर्क्स के निर्माण कार्य का भी उद्घाटन किया। इस पर लगभग 5 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत आएगी।

539 करोड़ रुपये की 31 परियोजनाओं का किया शिलान्यास

मुख्यमंत्री ने 388 करोड़ 27 लाख रुपये की लागत से जींद शहर के लिए पेयजल आपूर्ति परियोजना, 75 करोड़ 87 लाख रुपये की लागत से नरवाना की विभिन्न कॉलोनियों में सीवरेज व्यवस्था को सुदुढ़ करने, 3 करोड़ 82 लाख रुपये की लगात से जींद-जुलानी जानजवाण सड़क की विषेश मरम्मत, 3 करोड़ 85 लाख रुपये की लगात से जींद-सफीदों सड़क से जींद-रोहतक सड़क वाया जींद गोहाना सड़क क्रोसिंग दिल्ली-बठिण्डा रेलवे लाइन सड़क की विषेश मरम्मत, 5 करोड़ 98 लाख रुपये की लागत से कण्डेला पुल से दिल्ली- बठिण्डा रेलवे लाइन पुल तक नहर के दोनों तरफ सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने 1 करोड़ 21 लाख रुपये की लागत से बनने वाली प्राइमरी स्कूल से जुलानी माइनर तक सड़क का निर्माण, 1 करोड़ 12 लाख रुपये की लगात से मेन जुलानी सड़क से नरवाना सड़क तक सड़क का निर्माण, 46 लाख रुपये की लागत से पाण्डु द्वार का निर्माण, 81 लाख रुपये की लागत से जयंती देवी द्वार का निर्माण, 40 लाख रुपये की लागत से एकलव्य स्टेडियम में सिंथैटिक ट्रैक का निर्माण, 78 लाख रुपये की लागत से भिवानी रोड़ पर पार्क के निर्माण कार्य की भी आधारशिला रखी गई है।

श्री मनोहर लाल ने 78 लाख रुपये की लागत से खोखरी माइनर की बुर्जी संख्या 0 से 5500 टेल तक के पुनर्निर्माण कार्य, 11 करोड़ 81 लाख रुपये की लागत से हांसी ब्रांच की बुर्जी संख्या 183000 से 198000 तक के पुनर्निर्माण कार्य, 4 करोड़ 81 लाख रुपये की लागत से जयंती देवी मंदिर के नजदीक छठ पूजा घाट का निर्माण, 8 करोड़ 21 लाख रुपये से जींद शहर में श्यामनगर व अन्य सीवर लाइन का सुधार, 2 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत से भिंडराला-मुआना सड़क का निर्माण, 1 करोड़ 64 लाख रुपये से छापड़-बुड्डा खेड़ा सड़क का निर्माण, 6 करोड़ 17 लाख रुपये से जामणी-भम्भेवा सड़क की विषेश मरम्मत, 46 लाख रुपये से जींद- सफीदों सड़क से रजाणा कलां सफीदों तक सड़क की विषेश मरम्मत, 2 करोड़ 63 लाख रुपये से जामणी-रिटोली सड़क की विषेश मरम्मत, 77 लाख रुपये से गंगोली-भागखेड़ा सड़क की विषेश मरम्मत, 36 लाख रुपये की लागत से धातरट- वाटरवर्क्स सड़क की विषेश मरम्मत के कार्य का भी शिलान्यास किया।

इसी प्रकार, 85 लाख रुपये की लागत से बागड़ू कलां-आंचरा खुर्द सड़क को मजबूत व चौड़ा करना, 60 लाख रुपये से आंवली खेड़ा सड़क को मजबूत व चौड़ा करना, 80 लाख रुपये से भूरेण सड़क को मजबूत व चौड़ा करना, 43 लाख रुपये से आफताब गढ़ सड़क को मजबूत व चौड़ा करना, 18 लाख 29 हजार रुपये से जींद-सफीदों सड़क से बहादुरगढ तक सड़क को मजबूत व चौड़ा करना, लगभग 2 करोड़ रुपये से पानीपत असंध सड़क से मलीकपुर सड़क तक सड़क को मजबूत व चौड़ा करना, लगभग 2 करोड़ रुपये से पानीपत असंध सड़क से धर्मगढ़ तक सड़क की विषेश मरम्मत, 53 लाख रुपये से रामनगर-हडवा तक सड़क की विषेश मरम्मत तथा 1 करोड़ रुपये की लागत से हाट-रामनगर सड़क की विषेश मरम्मत के कार्य की आधारशिला रखी गई।

 हरियाणा में संत-महापुरुषों की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए चलाई जा रही संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना के तहत आज पहली बार संत शिरोमणि सैन जी महाराज की जयंती मनाई गई। जिला जींद में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री ने सैन समाज को कई सौगातें दी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने लगभग 590 करोड़ रुपये की 39 परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार के कैलेंडर में 4 दिसंबर को संत शिरोमणि सैन जी महाराज की जयंती के उपलक्ष्य में विशेष दिवस के रूप में लिखा जाएगा। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि सैन समाज के परंपरागत कार्यों की दक्षता व प्रशिक्षण के लिए गुरुग्राम, हिसार, रोहतक और अंबाला में 4 केश कौशल विकास केंद्र खोले जाएंगे। इन केंद्रों की सफलता के बाद आवश्यकतानुसार और केंद्र भी खोले जाएंगे।

श्री मनोहर लाल ने समाज की मांग पर घोषणा करते हुए कहा कि अभी तक सैन समाज का नाम सैन के साथ-साथ नाई शब्द भी लिखा जाता है। लेकिन हरियाणा सरकार ने सैन नाम से अलग पहचान देने के लिए केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र लिखा है।

जेडी-7 रोड, गोहाना रोड स्थित कोर्ट के सामने चौक का नाम संत शिरोमणि सैन जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा

मुख्यमंत्री ने जींद ‌में जेडी-7 रोड का नाम तथा गोहाना रोड स्थित कोर्ट के सामने चौक का नाम संत शिरोमणि सैन जी महाराज के नाम पर रखे जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि चौक पर संत शिरोमणि सैन जी महाराज की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भिवानी व करनाल में भी समाज किसी सड़क या चौक की पहचान कर सरकार को बताएं तो उनका नाम भी संत शिरोमणि सैन जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने जींद के श्री धन्ना भगत मेडिकल कॉलेज परिसर में एक भवन का नाम संत शिरोमणि सैन जी महाराज के नाम पर रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जींद जिला में समाज को प्लॉट के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पोर्टल पर आवेदन करना होगा, तो उन्हें प्लॉट आवंटित किया जाएगा और इस प्लॉट पर धर्मशाला के निर्माण के लिए सांसद की ओर से 11 लाख रुपये तथा अपने स्वैच्छिक कोष से 21 लाख रुपये सहित कुल 32 लाख रुपये के अनुदान देने की घोषणा की।

संतों-महापुरुषों की जयंतियों, शताब्दियों को राज्य स्तर पर मनाया जा रहा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि संत शिरोमणि सैन जी महाराज ने अपने जीवन में जन-जागरण का कार्य किया और सेवा भावि व्यक्तित्व के रूप में ख्याति प्राप्त की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब हमारी सरकार आई, तब हमने यह पाया कि राजनीतिक लोग समाज के संतों-महापुरुषों को भूल गए हैं, लेकिन हमने संतों की शिक्षाओं व आदर्शों को प्रेरणा के रूप में लोगों तक पहुंचाने के लिए संत-महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना चलाई। इसी योजना के तहत आज का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस योजना के तहत समाज के सभी संतों-महापुरुषों की जयंतियों, शताब्दियों को राज्य स्तर पर मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को समाज के सहयोग से ही दूर किया जा सकता है। इसका सफल उदाहरण बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ है। समाज के सहयोग से आज हरियाणा बे‌टियों को बचाने वाला प्रदेश बन गया है। इसी प्रकार, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, नशे पर अंकुश लगाने के लिए समाज के लोगों का सहयोग लिया जा रहा है।

गरीबों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चलाई अनेक कल्याणकारी योजनाएं

श्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार अंत्योदय की भावना से कार्य कर रही है। अंत्योदय परिवारों को लाभ देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कई योजनाएं चलाई हैं। आवास योजना, नल से जल, उज्जवला योजना, बिजली कनेक्‍शन देकर उन्होंने हर गरीब परिवार का कल्याण किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं पर गरीब का ‌अधिकार है, जो उसे मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 40 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खुलवाए हैं, आज कोई परिवार ऐसा नहीं है, जिसका बैंक खाता नहीं है। सरकारी योजनाओं का पैसा सीधा आज लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंच रहा है। गत दिवस आए चुनावों के नतीजों ने यह स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की कल्याणकारी नीतियों की जीत हुई है। हमारी सरकार निरंतर गरीबों, मजदूर, किसानों, जरूरतमंदों सहित हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पहले की सरकारों के मुकाबले वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विकास के दोगुने कार्य हो रहे हैं और कम खर्च पर हो रहे हैं।

इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री रणबीर गंगवा, विधायक डॉ. कृष्‍ण मिड्ढा, यमुनानगर के मेयर श्री मदन चौहान, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पूर्व मंत्री श्री कर्ण देव कांबोज सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

 हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सोमवार को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में वैश्विक खाद्य-पोषण सुरक्षा, स्थिरता और स्वास्थ्य के लिए रणनीति विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया।  उन्होंने कृषि महाविद्यालय परिसर में कृषि क्षेत्र में उद्यमिता से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। 

इस दौरान मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में युवा उद्यमियों के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित है। इस सेंटर के माध्यम से गत 4 वर्षों में 6 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करवाकर 100 स्टार्टअप शुरू करवाए जा चुके हैं। इन स्टार्टअपस के माध्यम से टिश्यू कल्चर तकनीक से केला, गन्ना की बेहतरीन किस्म तैयार करना तथा मोटे अनाज से तैयार खाद्य उत्पाद तैयार किए गए हैं। 

इसके बाद मुख्यमंत्री ने 14 देशों की प्रसिद्ध शोध संस्थाओं से आए प्रख्यात वैज्ञानिकों के साथ बैठक भी की। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल की है। यहां के कृषि उत्पाद का निर्यात देश व दुनिया के कई देशों में हो रहा हैं। अब उत्पादन के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दुनिया के कई देशों के साथ राज्य सरकार द्वारा काम किया जा रहा है। 

फसल की गुणवत्ता बढ़ाने में कृषि वैज्ञानिक की भूमिका अहम 

उन्होंने सेमिनार में उपस्थित हरियाणा सरकार के मंत्री गणों व अन्य अतिथियों का वैज्ञानिकों से परिचय करवाते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र के उत्थान को लेकर सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। नई-नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप हरियाणा प्रदेश ने इस क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल की है। कृषि क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही नई चुनौतियां भी खड़ी हो गई है। अधिक खाद एवं दवाइयां के प्रयोग से फसल उत्पादक गुणवत्ता का स्तर गिर रहा है, जिससे मानव को अनेक बीमारियां अपनी गिरफ्त में ले रही है। यही नहीं पानी तथा पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। इन तमाम चुनौतियों से निपटने के लिए अब चिंतन करना बहुत आवश्यक हो गया है। इसमें वैज्ञानिकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण बन जाती है। उन्होंने विश्वास जताया कि हमारे वैज्ञानिक इन समस्याओं व चुनौतियों से पार पाकर आने वाली पीढियां को सुखद जीवन देने का काम करेंगे।

15 देशों के 900 वैज्ञानिक व शोधार्थी ले रहे भाग 

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के कुलपति एवं सम्मेलन के मुख्य संरक्षक प्रो बीआर काम्बोज के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में 4 से 6 दिसंबर तक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, कजाखस्तान, जापान, मिस्त्र, फ्रांस, जर्मनी, ट्यूनीशिया, ब्राजील, मोरक्को सहित 15 देशों के 900 वैज्ञानिक व शोधार्थी भाग ले रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साथ देश के किसानों का भावनात्मक रिश्ता है। देश को अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की अहम भूमिका रही है। 

सोमवार को सम्मेलन के प्रारंभिक सत्र में फ्रांस के आईपीसीसी नोबेल पुरस्कार के सह-विजेता प्रोफेसर आर्थर सी रिडेकर व अमेरिका की टेक्सास ए एंड एम, विश्वविद्यालय के संकाय फेलो प्रोफेसर सर्जिओ सी कापारेडा ने तकनीकी विषयों पर अपना व्याख्यान दिया। 

तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वाले मुख्य वक्ताओं में जर्मनी से डॉ डिटर एच त्रुट्ज ओस्नाबु्रक, डेनमार्क से डॉ अहमद जहूर, जापान से प्रोफेसर यो तोमा व डॉ टाकुरो शिनानो, कजाकिस्तान से डॉ विक्टर कामकिन व डॉ ओक्साना एर्माकोवा, फ्रांस से डॉ बोचाइब खदरी, पौलेंड से डॉ. टकाओ इशिकावा, मिस्त्र से डॉ. हॉसम रूश्दी, कोलम्बिया से डॉ. देवकी नंदन, सीम्यीट मैक्सिको से डॉ. एम.के. गथाला एवं डॉ. मैक्सवेल मकोंडीवा,, ब्राजील से डॉ. फ्रांसिस्को फग्गिओं व डॉ. वाल्मी हैजे-फग्गिओं, ईरी-शार्क से डॉ. राबे याहया, ईक्रीसेट से डॉ. एस.के. गुप्ता, कैलिफोर्निया से डॉ. चंद्र पी. अरोड़ा शामिल हैं। 

देश के प्रसिद्ध शोध संस्थाओं में कार्यरत प्रख्यात वैज्ञानिक भी इस सम्मेलन में व्याख्यान देने पहुंचे हैं, जिनमें एडीजी आईसीआर डॉ. एस.के शर्मा, एडीजी आईसीआर डॉ. बी.पी. मोहंती इत्यादि शामिल हंै। 

इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र सिंह, मेयर गौतम सरदाना, मंडलायुक्त गीता भारती, उपायुक्त उत्तम सिंह, नगर आयुक्त प्रदीप दहिया, पुलिस अधीक्षक मोहित हांडा, पूर्व मंत्री प्रो. छत्रपाल, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार बलवान सिंह मंडल, विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक एवं सम्मेलन के आयोजक सचिव डॉ. जीतराम शर्मा, ओएसडी डॉ अतुल ढीगड़ा, एसोसिएट डायरेक्टर एक्सटेंशन डॉ केके यादव, एसवीसी कपिल अरोड़ा, इंजीनियर अर्पित तनेजा, डॉ एसके पाहुजा आदि उपस्थित थे।