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विकसित भारत संकल्प यात्रा के प्रतिभागियों की संख्या 1 करोड़ से अधिक हुई

आरएस अनेजा, नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी से शुरू की गई विकसित भारत संकल्प यात्रा देश भर में नागरिकों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने वाला एक परिवर्तनकारी अभियान बनकर उभरी है।

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विकसित किए गए कस्टमाइज्ड पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार, 7 दिसंबर, 2023 तक यह यात्रा 36,000 से अधिक ग्राम पंचायतों तक पहुंच चुकी है और 1 करोड़ से अधिक नागरिकों की भागीदारी इसमें देखी गई है। भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश 37 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी के साथ इसमें सबसे आगे है। इसके बाद महाराष्ट्र में 12.07 लाख और गुजरात में 11.58 लाख लोगों ने भाग लिया। इस यात्रा को जम्मू-कश्मीर में भी जोश भरा स्वागत मिला है, जहां से अब तक 9 लाख से अधिक लोग भाग ले चुके हैं।

हर गुजरते दिन के साथ लोगों की भागीदारी में और तेजी आई है। संकल्प यात्रा के पहले सप्ताह के दौरान 500,000 नागरिकों की भागीदारी देखी गई। पिछले 10 दिनों के दौरान देश भर से 77 लाख से अधिक लोगों ने इस यात्रा में भाग लिया। बहुत ही कम समय में, यह यात्रा शहरी क्षेत्र में 700 से अधिक स्थानों तक पहुंच गई है और कुल 79 लाख लोगों ने संकल्प लिया कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रयास करेंगे।

एक अभूतपूर्व आउटरीच प्रयास में यह यात्रा सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) वैनों का उपयोग करके 2.60 से अधिक ग्राम पंचायतों और 3600 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों को कवर करने की ओर बढ़ रही है। इन वैनों के जरिए लोगों से आह्वान किया जाता है कि वे अपने लाभ के लिए सरकारी योजनाओं का उपयोग करें।

इस यात्रा का एक केंद्रीय बिंदु महिला-केंद्रित योजनाओं को लेकर जागरूकता बढ़ाना है जिसके चलते 46,000 से अधिक लाभार्थियों ने पीएम उज्ज्वला योजना के लिए नामांकन किया है। स्वास्थ्य शिविर भी एक बड़ा आकर्षण साबित हुए हैं और अब तक 22 लाख व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है।

विकसित भारत संकल्प यात्रा के हिस्से के रूप में किसानों के लिए किए गए ड्रोन प्रदर्शनों ने काफी उत्सुकता पैदा की है। 'ड्रोन दीदी योजना' के तहत 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान किए जाएंगे और दो महिला सदस्यों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके शुभारंभ के साथ ही बड़ी संख्या में महिलाएं ड्रोन उड़ानों को देखने के लिए आगे आ रही हैं। ये समूह एक शुल्क लेकर ड्रोन सेवाओं को किराए पर देंगे, जो कि इन स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के लिए राजस्व के एक और जरिए के रूप में काम करेगा।