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हरियाणा सरकार ने 800 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए एमबीपीएल के साथ किया एमओयू

हरियाणा सरकार ने 800 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए एमबीपीएल के साथ किया एमओयू

महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एम.सी.एल.) द्वारा ओडिशा में लगाया जा रहा है 1600 मेगावॉट का सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट



हरियाणा को इस प्लांट से मिलेगी 800 मेगावाट बिजली



यमुनानगर में भी स्थापित किया जा रहा 800 मेगावाट का नया थर्मल पावर प्लांट, प्लांट बनने से हरियाणा की घरेलू ऊर्जा उत्पादन क्षमता 3,382 मेगावाट तक बढ़ेगी



चंडीगढ़ (KK)-  हरियाणावासियों को निर्बाध एवं सुचारू रूप से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में आज हरियाणा सरकार ने महानदी बेसिन पावर लिमिटेड (एमबीपीएल) के साथ 800 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की उपस्थिति में हरियाणा की ओर से उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक डॉ साकेत कुमार तथा कोल इंडिया लिमिटेड  की ओर से श्री देबाशीष नंदा ने एओयू का आदान-प्रदान किया।



मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एम.सी.एल.) द्वारा ओडिशा में 1600 (2x800 मेगावॉट) मेगावॉट का सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट लगाया जा रहा है। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल उपस्थित थे।



मुख्यमंत्री ने कहा कि महानदी बेसिन पावर लिमिटेड (एमबीपीएल) द्वारा ओडिशा में प्रस्तावित अपने इस प्लांट से हरियाणा को 800 मेगावॉट बिजली देने की पेशकश की गई, जिसे स्वीकार करते हुए आज इस संबंध में एमओयू किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्तावित बिजली खरीद के लिए एकल मूल्य (लेवलाइज्ड टैरिफ) 4 रुपये 46 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार यमुनानगर में भी 800 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट लगाने जा रही है, इसके लिए टेंडर किया जा चुका है। वर्तमान में हरियाणा में बिजली उत्पादन क्षमता 2,582 मेगावाट है और इस नये प्लांट के बनने से हरियाणा की घरेलू ऊर्जा उत्पादन क्षमता 3,382 मेगावाट तक बढ़ जाएगी।



श्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले साढ़े 9 वर्षों में बिजली के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। वर्ष 2014 में प्रदेश में बिजली की मांग 9000 मेगावॉट थी, जो आज बढ़कर 14,000 मेगावॉट हो गई है। बिजली निगमों द्वारा निरंतर बिजली की आपूर्ति की जा रही है। हाइड्रो तथा सोलर पॉवर से भी बिजली खरीदी जाती है और हरियाणा बिजली के मामले में आत्मनिर्भर है।



उन्होंने कहा कि घरेलू बिजली आपूर्ति के मामले में हरियाणा ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है और आज लगभग 5800 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है।



हरियाणा सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत



खरीफ सीजन-2023 में खराब फसलों के अतिरिक्त मुआवजे का किया गया वितरण



मुख्यमंत्री ने 1692.3 एकड़ में फसल खराबे के लिए किसानों को 18 करोड़ 67 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि की जारी



आज जारी की गई राशि को मिलाकर कुल 130 करोड़ 88 लाख रुपये की मुआवजा राशि की जा चुकी जारी



 हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आज खरीफ सीजन-2023 में खराब फसलों के अतिरिक्त मुआवजे का वितरण कर किसानों को बड़ी राहत दी। खरीफ सीजन-2023 में खराब फसलों और पुनः बोए गए रकबे के लिए दिए गए मुआवजे पर पुनर्विचार करके सरकार ने 1692.3 एकड़ में फसल खराबे के लिए किसानों को 18 करोड़ 67 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी गई।



मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल भी उपस्थित रहे।



उन्होंने कहा कि आज जारी की गई राशि को मिलाकर कुल 130 करोड़ 88 लाख रुपये की मुआवजा राशि जारी की जा चुकी है। इसमें 14 दिसंबर, 2023 को दी गई मुआवजा राशि 97 करोड़ 93 लाख 26 हजार रुपये, 11 अक्तूबर, 2023 को दी गई मुआवजा राशि 5 करोड़ 96 लाख 83 हजार 500 रुपये, शहरी क्षेत्र में वाणिज्यिक संपत्तियों के नुकसान के लिए अनुमोदित 6 करोड़ 70 लाख 97 हजार 277 रुपये तथा जनहानि की मुआवजा राशि 1 करोड़ 60 लाख रुपये शामिल है।



श्री मनोहर लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यतः अंबाला जिले में सर्वाधिक मुआवजे की राशि 5 करोड़ 85 लाख 38 हजार 732 रुपये दी गई है। इसके पश्चात फतेहाबाद जिला है, जहां के किसानों को 5 करोड़ 54 लाख 34 हजार 067 रुपये का मुआवजा मिला है। कुरुक्षेत्र में 3 करोड़ 29 लाख 42 हजार और कैथल जिले में 2 करोड़ 50 लाख 22 हजार मुआवजा दिया गया है।

 

बुजुर्गों की हिफाजत व खुशहाली के लिए मुख्यमंत्री ने शुरू की समर्थ वृद्धावस्था सेवा आश्रम योजना


 
प्रथम चरण में 6 स्थानों पर खोले गए हैं सेवा आश्रम



प्रदेश में अब वरिष्ठ नागरिकों को एक ही छत के नीचे स्वास्थ्य सेवा सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने समर्थ वृद्धावस्था सेवा आश्रम योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को उचित सुविधाएं प्रदान करके उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।



मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल भी उपस्थित रहे।



श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रथम चरण में 6 स्थानों जगाधरी (यमुनानगर), सोनीपत, हिसार, बहादुरगढ़ (झज्जर), सिरसा तथा गुरुग्राम में समर्थ वृद्धावस्था सेवा आश्रम खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बुजुर्गों को इस योजना से बहुत बड़ा सहारा मिलेगा। आश्रम योजना से वरिष्ठ नागरिकों को भौतिक व मानसिक सुरक्षा के साथ-साथ आरामदायक रहने की जगह प्रदान की जाएगी। उनकी देखभाल व दैनिक गतिविधियों में सहायता की जाएगी।



मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी वरिष्ठ नागरिक को वृद्धाश्रम में प्रवेश के लिए आवेदन पत्र देना होगा। प्रवेश के लिए वरिष्ठ नागरिकों की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। साथ ही वह हरियाणा का रहने वाला स्थायी निवासी होना चाहिए। उसके पास परिवार पहचान पत्र आई.डी. होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रहरी योजना के तहत प्रदेश में वृद्धजनों का सर्वे करवाया गया था, जिसमें यह सामने आया कि प्रदेश में 75 वर्ष से अधिक आयु के 5200 बुजुर्ग ‌हैं, जो इस प्रकार के आश्रम की सेवा चाहते हैं। इसलिए इन आश्रमों में इन बुजुर्गों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी।



इन आश्रमों में बीमार नागरिकों या दिव्यांगों को चिकित्सा देखभाल और नर्सिंग सहायता प्रदान की जाएगी। मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए मनोरंजन, सामाजिक और सामूहिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इन सेवा आश्रमों के संचालन हेतु एनजीओ भी आवेदन कर सकते हैं।



श्री मनोहर लाल ने कहा कि इन आश्रमों में उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए भुगतान पर रहने की व्यवस्था भी की जाएगी जिनके पास आय का स्थायी स्रोत है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना पोर्टल का किया शुभारंभ



पोर्टल पर आवेदन कर गर्भवती महिलाएं ले सकेंगी 5000 रुपये का मातृत्व लाभ

प्रदेश की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताएं अब मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना पोर्टल के माध्यम से पांच हजार रुपये की मातृत्व लाभ राशि प्राप्त कर पाएंगी। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज इस योजना के पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल के जरिए 8 मार्च, 2022 या उसके बाद जन्म लेने वाले बच्चों की माताएं आवेदन कर सकेंगी।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल भी उपस्थित रहे।

 


श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2022-23 के बजट में मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को दूसरे जीवित बच्चे (लड़के) के लिए जन्म के बाद एकमुश्त 5000 रुपये का मातृत्व लाभ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। इस योजना को 16 मार्च, 2023 को अधिसूचित किया गया था।


इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिलाएं, आंशिक रूप से 40 प्रतिशत या पूर्ण रूप से दिव्यांग महिलाएं, बीपीएल राशन कार्डधारक महिलाएं, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की लाभार्थी महिलाएं, ई-श्रम कार्डधारक महिलाएं ले सकेंगी। इनके अतिरिक्त योजना का लाभ किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्थी किसान महिलाओं, आठ लाख रुपये वार्षिक से कम पारिवारिक आय वाली महिलाओं, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका व आशा वर्करों और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किसी भी अन्य श्रेणी की महिलाओं को भी मिलेगा।



योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को अपना आधार नंबर देना होगा। प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।



मुख्यमंत्री ने एचकेआरएन के जरिए 408 युवाओं को भेजे जॉब ऑफर लेटर


 हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज डिजिटली हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत 408 युवाओं को जॉब ऑफर लेटर भेजे।

 

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल भी उपस्थित रहे।



श्री मनोहर लाल ने कहा कि एचकेआरएन के तहत नौकरी पर लगे सभी अनुबंधित कर्मचारियों को ईपीएफ, ईएसआई, लेबर वेलफेयर फंड आदि की सुविधाएं दी जाती हैं। यही नहीं कर्मचारियों का वेतन निगम द्वारा सीधे उनके बैंक खातों में डाला जाता है। जिन कर्मचारियों के परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक है उन्हें आयुष्मान भारत-चिरायु योजना का लाभ देना भी शुरू कर दिया गया है। इसके लिए उन्हें 1500 रुपये सालाना का मामूली अंशदान देना होता है। अनुबंध पर रखे गए कर्मचारियों को 10 आकस्मिक अवकाश 10 मेडिकल अवकाश का भी प्रावधान है। महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश की सुविधा भी दी गई है।



मुख्यमंत्री ने नगरपालिका शहरी निर्मित प्लान -सुधार नीति 2023 पोर्टल का किया शुभारंभ

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज नगरपालिका शहरी निर्मित प्लान -सुधार नीति 2023 पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल पर अब आवेदक नगरपालिका की सीमा के मुख्य क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले आवासीय भूखंडों को कुछ शुल्क का भुगतान कर व्यावसायिक उपयोग में बदल सकेंगे।


मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल भी उपस्थित रहे।


श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में आयोजित किए गए जन संवाद कार्यक्रमों तथा विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान किए गए जन संवाद कार्यक्रमों के तहत लोगों से विभिन्न प्रकार की शिकायतें व मांगें आई थी। इसमें मुख्य मांग ये भी कि लगभग 50 साल पहले आवासीय प्लॉट का आवंटन किया गया था, लेकिन समय के साथ लोगों ने व्यावसायिक उपयोग के नाते या कुछ छोटा-मोटा उद्योग करने लग गए, जबकि कानूनन यह गलत था क्योंकि प्लॉट का आवंटन आवासीय श्रेणी में किया गया था। ऐसे सभी लोगों की मांग व शिकायतों का समाधान करने के लिए सरकार ने नगरपालिका शहरी निर्मित प्लान -सुधार नीति 2023 पोर्टल की शुरुआत की है।


उन्होंने कहा कि अब ऐसे सभी लोग निर्धारित शुल्क का भुगतान कर अपने आवासीय प्लॉट को व्यावसायिक प्लॉट की श्रेणी में बदल सकेंगे।

 

हरियाणा सरकार ने दी किसानों को बड़ी वित्तीय सहायता



मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत 466 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी व प्रोत्साहन राशि की जारी


हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में किसानों के आर्थिक व सामाजिक उत्थान हेतु सरकार द्वारा हितकारी निर्णय लेने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए आज एक बार फिर किसानों को बड़ी वित्तीय सहायता दी गई। मुख्यमंत्री ने किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत 466 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी व प्रोत्साहन राशि जारी की है।


मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि और कृषक समुदाय सदैव हमारी सरकार की नीतियों के केंद्र बिंदु रहे हैं। इसलिए सरकार द्वारा किसानों के हितों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। देश की वृद्धि और विकास में किसान भाइयों के अमूल्य योगदान के लिए वर्तमान राज्य सरकार सदैव उनके साथ खड़ी है।


भावांतर भरपाई योजना बाजरा के तहत 177 करोड़ 84 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई


श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज भावांतर भरपाई योजना-बाजरा के तहत 2 लाख 50 हजार 470 किसानों के खातों में 177 करोड़ 84 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि भेजी गई है। इस योजना में 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 7 लाख 40 हजार 985 एकड़ क्षेत्र के लिए यह राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह योजना वर्ष 2021 में शुरू की गई थी। आज से पहले भी इस योजना के तहत 870 करोड़ रुपये की राशि भावांतर भरपाई के रूप में दी जा चुकी है। आज की राशि मिलाकर अब तक बाजरे के लिए 1047 करोड़ 84 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है।


उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, 21 बागवानी फसलों के लिए भी भावांतर भरपाई राशि दी जाती है। इनके लिए अब तक 40 करोड़ 71 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। दोनों प्रकार की प्रोत्साहन राशि मिलाकर कुल 1088 करोड़ 55 लाख रुपये किसानों के खातों में सीधे डाले जा चुके हैं।


मेरा पानी-मेरी विरासत योजना में किसानों को 25 करोड़ 10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी


जल संरक्षण और फसल विविधीकरण को लेकर शुरू की गई मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत मुख्यमंत्री ने आज 19,528 किसानों के खातों में 25 करोड़ 10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि सीधे जारी की। इस योजना में 7,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से 35,842 एकड़ क्षेत्र के लिए यह राशि दी जा रही है। इससे पहले इस योजना के तहत 118 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है।


उन्होंने बताया कि यह योजना वर्ष 2020 में शुरू की गई थी। आज की राशि मिलाकर अब तक धान की जगह पर कम पानी में उगने वाली फसलें बोने पर किसानों को कुल 143 करोड़ 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है।


धान की सीधी बिजाई (डी.एस.आर.) योजना के तहत किसानों को 24 करोड़ 42 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई


श्री मनोहर लाल ने धान की सीधी बिजाई (डी.एस.आर.) योजना के तहत आज 6,621 किसानों के खातों में 24 करोड़ 42 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि भेजी गई। इस योजना में 4,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से 61,052 एकड़ क्षेत्र के लिए यह राशि दी जा रही है। इससे पहले भी इस योजना के तहत 47 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है।


उन्होंने बताया कि यह योजना वर्ष 2021 में शुरू की गई थी। आज की राशि मिलाकर अब तक धान की सीधी बिजाई करने पर किसानों को 71 करोड़ 42 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है।


प्राकृतिक खेती योजना के तहत 2,679 किसानों के खातों में भेजी 1 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि


श्री मनोहर लाल ने कहा कि रसायन मुक्त कृषि से हटकर किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएं, इसलिए राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती योजना चलाई है। इस योजना के 2 घटक हैं। पहले घटक के तहत प्लास्टिक के 4 ड्रमों पर 3 हजार रुपये और दूसरे घटक के तहत देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। आज पहले घटक के तहत 2,500 किसानों के खातों में 75 लाख रुपये की तथा दूसरे घटक के तहत 179 किसानों के खातों में 45 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि डाली जा रही है। इन दोनों घटकों में 2,679 किसानों के खातों में कुल 1 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि डाली गई है।


फसल अवशेष प्रबंधन के लिए इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्राप रेज्ड्यू योजना


राज्य में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किए जा रहे अथक प्रयासों के बारे मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्राप रेज्ड्यू योजना के तहत किसानों को विभिन्न प्रोत्साहन राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस योजना के 2 घटक हैं। पहले घटक के तहत मशीनरी की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है और दूसरे घटक के तहत पराली की गांठे बनाने पर 1 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है।


मुख्यमंत्री ने आज इस योजना के अंतर्गत पहले घटक के तहत 11,007 किसानों के खातों में 120 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भेजी गई। इस योजना में फसल अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए व्यक्तिगत श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेन्टर को 80 प्रतिशत अनुदान अनुदान दिया गया है। इससे पहले इस योजना में 584 करोड़ 28 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। आज की राशि मिलाकर अब तक 704 करोड़ 28 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है।


इसके अलावा, इस योजना के दूसरे घटक के तहत 1 लाख 36 हजार 345 किसानों के खातों में 117 करोड़ 74 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि डाली गई। इस योजना में पराली की गांठ बनाने के लिए किसानों को 1,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से 11 लाख 77 हजार 407 एकड़ भूमि के लिए यह प्रोत्साहन राशि दी गई है। इससे पहले इसके तहत किसानों को 159 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। आज की प्रोत्साहन राशि मिलाकर कुल 276 करोड़ 94 लाख रुपये किसानों के खातों में सीधे ही डाले जा चुके हैं। इस प्रकार इस योजना के तहत दोनों घटकों को मिलाकर कुल 980 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं।


युवाओं को रोजगार के अवसर देने की दिशा में राज्य सरकार का मिशन @ 60,000



मुख्यमंत्री ने ठेकेदार सक्षम युवा स्कीम के पोर्टल का किया शुभारंभ



ढांचागत सुविधाओं से संबंधित निर्माण कार्यों में गुणवत्ता लाने के लिए सक्षम ठेकेदार किए जाएंगे तैयार



इंजीनियरिंग में डिप्लोमा एवं डिग्री धारक 10,000 युवाओं को दिया जाएगा 3 महीने का विशेष प्रशिक्षण



वन मित्र योजना और पोर्टल का भी किया शुभारंभ, वन मित्रों को 4 साल तक पौधों की देखभाल के लिए मिलेगी प्रोत्साहन राशि



हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में पिछले साढ़े 9 वर्षों में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अथक प्रयास किए गए हैं और मिशन मेरिट के तहत बिना पर्ची – बिना खर्ची के युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई व निजी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध करवाए गए हैं। इसी कड़ी में रोजगार के और अवसर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने मिशन @ 60,000 की शुरुआत की है और युवा इंजीनियरों को बड़ा तोहफा देते हुए मुख्यमंत्री ने आज सक्षम ठेकेदार युवा स्कीम पोर्टल का शुभारंभ किया है। इसके तहत सरकार द्वारा इंजीनियरिंग में डिप्लोमा एवं डिग्री धारक 10,000 युवाओं को 3 महीने का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। सरकार की इस पहल से युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।



मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर पर्यावरण, वन एवं वन्य जीवन मंत्री श्री कंवर पाल मौजूद रहे।


श्री मनोहर लाल ने कहा कि इच्छुक योग्य युवाओं के रजिस्ट्रेशन के लिए एक पोर्टल बनाया है। आज से इस पोर्टल की शुरुआत की गई है। युवाओं द्वारा सीईटी परीक्षा पास की होनी चाहिए। प्रशिक्षण पूरा करने के उपरांत इन युवाओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा, जिसके आधार पर ये युवा सरकार के विभिन्न विभागों एवं पंचायतों के 25 लाख रुपए तक के निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर प्राप्त कर सकेंगे।


उन्होंने कहा कि स्वरोजगार स्थापित करने के इच्छुक प्रशिक्षित युवाओं को एक वर्ष की अवधि के लिए 3 लाख रुपए तक का ब्याज रहित ऋण भी उपलब्ध करवाया जायेगा। इस पहल से युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे व यह योजना युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगी।


वन मित्र योजना और पोर्टल का भी किया शुभारंभ, वन मित्रों को 4 साल तक पौधों की देखभाल के लिए मिलेगी प्रोत्साहन राशि


मुख्यमंत्री ने गैर वन भूमि पर वृक्षारोपण गतिविधियों में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वन मित्र योजना व वन मित्र पोर्टल की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि वन मित्र योजना भी मिशन @ 60,000 का ही हिस्सा है। वन मित्र बनने के लिए 1.80 लाख रुपये वार्षिक से कम पारिवारिक आय वाले परिवारों के सदस्य पोर्टल पर पंजीकरण करा सकेंगे। प्रत्येक वनमित्र को पौधे के रखरखाव के मुताबिक मानदेय मिलेगा।


इस योजना का उद्देश्य राज्य भर में वन क्षेत्र को बढ़ाने में स्थानीय आमजन को सीधे तौर पर शामिल करना, वृक्षारोपण की उत्तरजीविता दर में वृद्धि सुनिश्चित करना और गैर वन भूमि पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। अभी प्रत्येक वनमित्र द्वारा अधिकतम 1000 पौधे लगाने की सीमा तय की गई है। 18 से 60 वर्ष तक की आयु का कोई भी व्यक्ति वन मित्र बन सकेगा।


योजना के तहत प्रथम चरण में 7500 वन मित्रों का चयन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। वनमित्र अपने गांव, कस्बे या शहर में कहीं भी वृक्षारोपण के लिए गैर वन भूमि का चयन कर सकेगा। यदि रोपा गया पेड़ स्वयं वनमित्र की जमीन पर है तो उसे पेड़ का मालिक माना जाएगा। वनमित्र और भूमि मालिक के बीच समापन समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके तहत मालिक कम से कम 10 वर्ष तक पेड़ नहीं काटेगा।


योजना के मुताबिक प्रथम वर्ष के फरवरी व मार्च महीने में वन मित्र का पंजीकरण व चयन करके उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले वर्ष में वन मित्रों को गड्ढों की जियो टैगिंग एवं फोटोग्राफ मोबाइल एप पर अपलोड करने पर प्रति खोदे गए गड्ढे पर 20 रुपये दिये जाएंगे। इसके बाद लगाये गये हर पौधे पर वन मित्रों को 30 रुपये दिये जाएंगे। वन मित्रों को वृक्षारोपण के रखरखाव और सुरक्षा के लिए 10 रुपये प्रति जीवित पौधा दिये जाएंगे। दूसरे वर्ष में प्रत्येक माह में 8 रुपये प्रति जीवित पौधा वन मित्रों को दिया जाएगा। तीसरे वर्ष में प्रत्येक माह में पांच रुपये प्रति जीवित पौधा और चौथे वर्ष में यह राशि तीन रुपये प्रति जीवित पौधा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई वन मित्र पौधे की देखभाल बीच में छोड़ देता है, तो उस पौधे की देखभाल वन विभाग करेगा।