शहीद भगत सिंह के  शहादत दिवस पर एसकेएमएम और ईवीएम हटाओ संयुक्त मोर्चा राज्य के सभी ब्लॉकों,तहसीलों और ज़िला स्तर पर सभी सम्मिलित संगठनों के साथ आंदोलन करेंगे

साँझा किसान मज़दूर मोर्चा (एसकेएमएम)

रोहतक (KK)

23 मार्च, 2024 को शहीद भगत सिंह के  शहादत दिवस पर एसकेएमएम और ईवीएम हटाओ संयुक्त मोर्चा राज्य के सभी ब्लॉकों,तहसीलों और ज़िला स्तर पर सभी सम्मिलित संगठनों के साथ आंदोलन करेंगे। इस अवसर पर रोहतक में भी शहीदी दिवस पर जिला उपायुक्त के मार्फत ज्ञापन दिया जायेगा।भारतीय किसान यूनियन किसान सरकार के राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय समन्वय समिति सांझा किसान मजदूर मोर्चा के सदस्य वीरेन्द्र सिंह हुड्डा ने बताया कि SKMM से जुड़े संगठन ईवीएम की वर्तमान स्थिति और उपयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर तुरंत सुनवाई की माँग करते हैं।बीजेपी सरकार और आरएसएस, एमएसपी C2+50% पर गारंटीशुदा खरीद, किसानों के लिए ऋण मुक्ति और श्रमिकों को न्यूनतम वेतन के मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करें।सांझा किसान मज़दूर मोर्चा ने आरएसएस द्वारा भारत के किसान आंदोलन को अपमानित करने के लिए माफी मांगने की मांग की,देश के सभी किसान, मज़दूर और वंचित समाज, शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहादत दिवस 23 मार्च 2024 को एमएसपी गारंटी का क़ानून , संपूर्ण ऋण मुक्ति, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के तहत 200 दिन का काम और ₹700 की मज़दूरी, भूमि अधिग्रहण क़ानून 2013 की बहाली, ईवीएम छोड़ पर्ची से गिनती पर राष्ट्रपति महोदय और मुख्य चुनाव आयोग के नाम ज्ञापन देंगे।ज्ञात रहे कि एसकेएमएम से जुड़े लोगो ने ईवीएम की जगह वोट द्वारा मांग को लेकर एसकेएमएम सुप्रीम कोर्ट के वकीलों और ईवीएम हटाओ संयुक्त मोर्चा (ईवीएमएसएम) के साथ मिलकर इसका समर्थन करेंगे और चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ भी लड़ेंगे। 

विश्व हिंदू परिषद को किसानों की सभी फसलों के लिए एमएसपी C2+50% पर गारंटीकृत खरीद, संपूर्ण ऋण मुक्ति और मजदूरों को 200 दिन के काम और ₹700/- न्यूनतम मजदूरी प्रदान करने के मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

आरएसएस इस बात से नाराज़ है कि किसान आंदोलन देश के मुद्दों को चुनावी एजेंडे में वापस लाने में सफल रहा है।साँझा किसान मज़दूर मोर्चा किसानों के संघर्ष को देश में अशांति फैलाने, आतंकवाद को बढ़ावा देने और अराजकता फैलाने वाला बताने के लिए आरएसएस की कड़ी निंदा करता है।केंद्र सरकार की किसान-विरोधी, श्रमिक-विरोधी और कॉर्पोरेट नीतियों के खिलाफ खड़े होने वाले किसानों को राष्ट्रद्रोही करार देना गलत है,किसान मांगे पूरी होने तक अपना संघर्ष जारी रखेगा।

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