Har Samay News ( हर समय न्यूज )

View Original

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा का सरसों की खरीद को लेकर बयान

चंडीगढ़, 9 मार्च*

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने शनिवार सरसों की एमएसपी पर खरीद नहीं होने को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इस बार फसल समय से पहले तैयार हो गई है, मगर सरकार ने खरीद केंद्र शुरू नहीं किए हैं।

उन्होंने कहा कि बीजेपी की किसानों से बेरुखी कोई नई बात नहीं है। इस बार सरसों की खेती करने वाले किसान खट्टर सरकार की बेरुखी का शिकार हो रहे हैं। अम्बाला और कुरुक्षेत्र में किसानों की फसल तैयार है और वे मंडियों में बेचने के लिए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें एमएसपी से 500 रूपए कम दाम मिल रहा है। सरकारी खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई है। खट्टर सरकार ये जानते हुए कि इस बार समय से पहले फसल तैयार हो गई है फिर भी खरीद शुरू नहीं करवा रही है। खरीद कबसे शुरू होगी इसका कोई अता पता नहीं है। पिछले साल की तुलना में खरीद केंद्र भी कम कर दिए गये हैं। अम्बाला में सिर्फ एक खरीद केंद्र रखा गया है वहीं कुरुक्षेत्र में भी सिर्फ दो खरीद केंद्र रखे गये हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों को बाज़ार में अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर किया ज रहा है। एमएसपी से 500 रूपए कम में किसान सरसों की फसल बेचने को मजबूर हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी एक तरफ किसानों के उपर अत्याचार कर रही है।एमएसपी के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों को पासपोर्ट जब्त करने की धमकियाँ दी जा रह हैं, उन पर गोलियां चलाई जा रही हैं। उनकी प्रॉपर्टी जब्त करने की धमकियां दी जा रही हैं, दूसरी तरफ किसानों को एमएसपी मिल भी नहीं रही है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मांग करती है कि सरसों की खरीद एमएसपी पर शुरू की जाए वहीं, पहले ही मौसम की मार झेल रहे किसानों को कुछ राहत मिले। पहले ही किसान एमएसपी को लेकर इतना नुकसान झेलने का काम कर रहे हैं। इसीलिए किसान खट्टर सरकार और मोदी सरकार से एमएसपी की मांग कर रहे हैं। लेकिन, खट्टर सरकार की किसानों के प्रति नियत ठीक नहीं है। सरकार फसल खरीदने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदने का कार्य करें।

उन्होंने कहा कि सरसों की कमजोर मांग के कारण कम कीमतों से अंबाला, यमुनानगर और कुरूक्षेत्र में तिलहन की खेती करने वाले किसान भी निराश हैं। सरकारी एजेंसी ने अभी तक खरीद शुरू नहीं की है, इसलिए खुले बाजार में व्यापारी एमएसपी से 5,650 रुपये प्रति क्विंटल से कम कीमत पर बिक रही है। काली सरसों जहां 4,400-4,900 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है, वहीं पीली सरसों 5,100- 5200 रुपये बिक रही है। जबकि किसान प्रति क्विंटल 500 से 900 रूपये के नुकसान पर फसल बेच रहे हैं। पिछले वर्ष में प्रदेश की अनाज मंडियों में सरसों की खरीद के 114 सेंटर थे। जबकि इस बार 104 ही सेंटर है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरसों का उत्पादन करने में तीसरे नंबर है लेकिन खट्टर सरकार की बेरूखी के कारण आज प्रदेश का किसान बड़ा दुखी हैं। साथ ही उन्होंने खट्टर सरकार से मांग की किसानों की फसलों का एक-एक खरीदना चाहिए।