विवाह पंजीकरण- खिलाड़ियों की प्रतिभा- दिल्ली के हक पानी-मोबाइल डिस्पेंसरी वैन-‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’

हरियाणा में अब विवाह पंजीकरण करवाना हुआ आसान


ग्रामीण क्षेत्रों में  ग्राम सचिव सहित बीडीपीओ, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और सिटी मजिस्ट्रेट को दी विवाह पंजीकरण की पॉवर


हरियाणा सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना


शहरों में संयुक्त आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, म्युनिसिपल कमेटी  के सचिव, नायब तहसीलदार और तहसीलदार को विवाह रजिस्ट्रार के रूप में किया नामित


 
हरियाणा सरकार ने प्रदेश में विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सिटी  मजिस्ट्रेट (सीटीएम), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खंड विकास पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) सहित ग्राम सचिव को मैरिज रजिस्ट्रार के रूप में नामित किया है।


नागरिक संसाधन सूचना विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इस विषय में प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है।  अब विवाह पंजीकरण करवाने वाले लोग लोकल स्तर पर अपनी सुविधा अनुसार ग्राम सचिव से लेकर बीडीपीओ, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मैरिज रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।  इससे पहले ग्रामीण स्तर पर केवल तहसीलदार के पास ही मैरिज रजिस्ट्रेशन का अधिकार था।  


इसी प्रकार, शहरी क्षेत्रों के लिए  संयुक्त आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, सचिव नगर समिति, तहसीलदार, नायब तहसीलदार नामित रजिस्ट्रार होंगे। नागरिक अब अपने विवाह को घर के नजदीक उक्त अधिकारियों के माध्यम से सरकारी कार्यालय में पंजीकृत करवा सकते हैं। मैरिज रजिस्ट्रार की संख्या बढ़ने और घर से कम दूरी के कारण अब विवाह पंजीकरण करवाने वालों के लिए सुविधा के साथ-साथ समय की भी बचत होगी।   


प्रवक्ता ने बताया कि  विवाह पंजीकरण पोर्टल https://shaadi.edisha.gov.in/ पर अब तक 2.45 लाख से अधिक शादियां पंजीकृत की जा चुकी हैं जिसमे दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 की अवधि में  12,416, वर्ष 2021-22 में 56,133, वर्ष 2023-23 में 67,604, वर्ष 2023-24 में 83,331 और अप्रैल 2024 से 10 जून तक 26,419 विवाह का पंजीकरण किया जाना शामिल  है। बता दें कि हरियाणा सरकार ने दिसंबर 2020 में सुशासन पहल के तहत विवाह पंजीकरण के लिए पोर्टल लांच किया था।


उन्होंने बताया कि वर्तमान में एडीसी-सह-डीसीआरआईओएस (अतिरिक्त उपायुक्त-सह-जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी) के पास परिवार पहचान पत्र डेटाबेस (पीपीपी-डीबी) में डेटा निर्माण और अपडेट से संबंधित जिम्मेदारियां दी गई हैं। विवाह पोर्टल को परिवार पहचान पत्र डेटा बेस के साथ जोड़ा गया है। विवाह पंजीकरण के लिए एडीसी सह डीसीआरआईओ पीपीपी-डीबी को जिला रजिस्ट्रार के रूप में भी नामित किया गया है। उक्त अधिकारी को ही प्रथम अपीलकर्ता प्राधिकारी की भी जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रक्रिया से जिला स्तर पर विवाह पंजीकरण व परिवार पहचान पत्र में तालमेल बन पाएगा, जिससे नागरिक को फैमिली आईडी के साथ-साथ विवाह पंजीकरण संबंधित शिकायतों का एक ही स्थान पर समाधान हो पाएगा।

मुख्यमंत्री ने दी प्रदेश में 976 खेल नर्सरियों की मंजूरी


खेल नर्सरियों में निखरेगी खिलाड़ियों की प्रतिभा- खेल मंत्री संजय सिंह


196 सरकारी स्कूलों में, 115 ग्राम पंचायतों को,  278 निजी संस्थानों और 387 निजी स्कूलों को  खेल नर्सरियां की गई हैं आवंटित

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने आज वित्त वर्ष 2024-25 के लिए हरियाणा में 976 खेल नर्सरियों को मंजूरी प्रदान की है। उक्त नर्सरियों में से 196 खेल नर्सरियां सरकारी स्कूलों को दी गई हैं। इसी तरह से 115 खेल नर्सरियां ग्राम पंचायतों को, 278 खेल नर्सरियां  निजी संस्थानों और 387 खेल नर्सरियां निजी स्कूलों को आवंटित की गई हैं। ये नर्सरियां प्रदेश के सभी जिलों में आवंटित की गई हैं, जिनमें 28 विभिन्न खेल स्पर्धाओं में खिलाड़ियों को पारंगत बनाया जाएगा।


हरियाणा के खेल राज्य मंत्री श्री संजय सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। इसी के तहत प्रदेश में खेल नर्सरी खोलकर खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारा जा रहा है। उन्होंने बताया कि पंचकूला ने खेलो इंडिया-यूथ गेम्स के सफल आयोजन के बाद हरियाणा में एक नई खेल संस्कृति का उदय हुआ है। खेल विभाग सरकारी व निजी स्कूलों में तो खेल नर्सरी की मंजूरी प्रदान करता आ रहा है अब निजी संस्थान और औद्योगिक घराने भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए आगे आ रहे हैं।

 

उन्होंने बताया कि खेल नर्सरी योजना के तहत इच्छुक स्कूलों/संस्थानों को खेल नर्सरी के आवंटन के लिए सरकार हर साल आवेदन आमंत्रित करती है। इसके लिए आवेदक के पास बुनियादी आवश्यकता यानि कोच की उपलब्धता हो, खिलाड़ियों के लिए अपेक्षित खेल का मैदान हो और अधिकतम 25 खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति की व्यवस्था होती है। आवेदनों की जांच जिला खेल अधिकारियों द्वारा आवेदकों के परिसर में जाकर की जाती है और उसके बाद आवेदकों को ये "खेल नर्सरी" प्रदान की जाती हैं।

 

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 तक  राज्य सरकार ने 1100 खेल नर्सरी आवंटित की थी, अब वित्त वर्ष 2024-25 से यह संख्या बढ़ाकर 1500 कर दी गई है। इनमें से लगभग 500 खेल नर्सरी पहले से ही सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं।


ये खेल नर्सरियां की गई आवंटित


प्रदेश में आर्चरी की 14, एथलेटिक्स की 93, बैडमिंटन की 15, बेसबाल की 6, बास्केटबॉल की 47, बॉक्सिंग की 65, कनोइंग की 3, साइकिलिंग की 5, फैंसिंग की 12, फुटबॉल की 70 खेल नर्सरियां आवंटित की गई हैं। इसी तरह से जिम्नास्टिक की 7, हैंडबॉल की 74, हॉकी की 44, जूडो की 18, कबड्डी की 138, कराटे की 7, लॉन टेनिस की 3, रोइंग की 2, शूटिंग की 33, साफ्टबाल की 3, स्विमिंग की 12, टेबल टेनिस की 11, ताइक्वांडो की 15, वालीबॉल  की 95, वेटलिफ्टिंग की 149, वुशू की 18 खेल नर्सरियां आवंटित की गई हैं।

रियाणा द्वारा दिल्ली को दिया जा रहा पूरा पानी - डॉ अभय सिंह यादव


दिल्ली के हक से अधिक दिया जा रहा है पानी


दिल्ली को अपने पानी की मैनेजमेंट को करना होगा ठीक


हरियाणा सरकार ने ना कभी पहले कोताही की और ना आगे कोई कोताही करेंगे


हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन राज्य मंत्री डॉ अभय सिंह यादव ने कहा कि हरियाणा, दिल्ली को पूरा पानी दे रहा है बल्कि जितना उनके पानी का हक है उससे अधिक पानी उन्हें दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने ना कभी पहले पानी देने में कोताही की थी और ना आगे कोई कोताही करेंगे।


डॉ अभय सिंह यादव ने कहा कि हम शुरू से जागरूक है कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैले, हमारी कोशिश यही रहती है कि दिल्ली को पूरा पानी दिया जाए। दिल्ली पानी का कैसे इस्तेमाल करता है उसकी मैनेजमेंट कैसे करते है वो उनकी जिम्मेवारी है। प्रदेश द्वारा पूरा पानी देने के बाद भी उन्हें (दिल्ली) पानी की कमी रहती है तो वे अपने मैनेजमेंट को देखे की कहां पर कमी है।


उन्होंने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने जो आदेश दिया था कि यमुना नदी बोर्ड, हिमाचल से आने वाले पानी का सत्यापन करेगा। लेकिन हिमाचल से पानी आया ही नहीं है तो उसका सत्यापन नहीं हुआ है। अगर हिमाचल प्रदेश से हरियाणा को पानी आता तो हम तुरंत उस पानी को दिल्ली को भेज देते।


राज्य मंत्री ने कहा कि हम पानी के विषय को समग्र रूप से देखते है। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2002 में स्पष्ट आदेश दिए थे कि एसवाईएल नहर बने और इसका पानी हरियाणा को मिले लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद आज तक भी उस फैसले पर अमल नहीं हुआ।


उन्होंने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा महत्वपूर्ण है, एसवाईएल नहर बनना हरियाणा के लिए ना केवल राजनीतिक मुद्दा है बल्कि हरियाणा प्रदेश की जीवन रेखा से जुडा हुआ है और इसको बनवाने का प्रयास जारी रखेंगे। पंजाब सरकार उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद भी एसवाईएल का निर्माण नहीं होने दे रही है और दिल्ली की सरकार को हम पूरा पानी दे रहे है तो हमारे से और पानी की डिमांड भी करते है।


डॉ अभय सिंह यादव ने कहा कि दिल्ली के पानी का जो आंतरिक वितरण है उसमें उन्हें सुधार करने की जरूरत हैं। बिजली व पानी के मामले में जब तक लगातार उसके आधारभूत ढांचे में सुधार नहीं करेंगे तो व्यवस्था और खराब हो सकती है। उन्होंने कहा कि दूसरों पर आरोप लगाना बहुत आसान है आरोप ठीक है या गलत है उसका फैसला कोर्ट करेगा।

श्रमिकों को सिलिकोसिस जैसी खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए उठाए जा रहे एहतियातिक कदम


जल्द ही प्रदेशभर में 44 मोबाइल डिस्पेंसरी वैन को दिखाई जाएगी हरी झंडी

 
खनन, निर्माण स्थलों पर जाकर श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच करेगी मोबाइल वैन


पिछले 10 सालों में विभिन्न योजनाओं में श्रमिकों को मिला 2319 करोड़ रुपये का लाभ

 

हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य और श्रम मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि श्रमिकों को सिलिकोसिस जैसी खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए जल्द ही 44 मोबाइल डिस्पेंसरी वैन शुरू की जाएगी। ये वैन खनन, निर्माण स्थलों या जहां भी सिलिकोसिस होने की संभावना बनी रहती है, उन स्थानों पर जाकर श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच करेगी, ताकि इस बीमारी का प्रथम चरण में ही पता लग सके और उन्हें उचित इलाज मुहैया करवाया जा सके। इसके लिए प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है जल्द ही इन वैन को हरी झंडी दिखाई जाएगी।


श्री मूलचंद शर्मा आज यहां श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।


उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इंडस्ट्रियल सेफ्टी एवं हेल्थ विंग को सुदृढ़ करें और फैक्ट्रियों में जाकर श्रमिकों के स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ कार्य अनुसार वातावरण की भी जांच करें। जिन फैक्ट्रियों में श्रमिकों को उचित वातावरण नहीं मिल रहा, उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।

 
पिछले 10 सालों में विभिन्न योजनाओं में श्रमिकों को मिला 2319 करोड़ रुपये का लाभ


बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2009 से 2014 तक हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के पंजीकृत श्रमिकों को केवल 26.24 करोड़ रुपये का ही लाभ दिया गया। जबकि वर्ष 2014 से 2019 तक 526 करोड़ रुपये और वर्ष 2019 से 2024 तक 1232.19 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है। वहीं, वर्ष 2009 से 2014 तक श्रमिक कल्याण बोर्ड के पंजीकृत श्रमिकों को केवल 64.19 करोड़ रुपये का ही लाभ दिया गया। जबकि वर्ष 2014 से 2019 तक 160.22 करोड़ रुपये और वर्ष 2019 से 2024 तक 401 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है। इस प्रकार कुल मिलाकर, पिछले 10 सालों में श्रमिकों को 2319 करोड़ रुपये का लाभ दिया जा चुका है।


बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में हरियाणा में ईएसआई के 4 राज्य अस्पताल- भिवानी, जगाधरी, सेक्टर-8 फरीदाबाद तथा पानीपत में संचालित हैं। इसके अलावा, गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद में ईएसआई निगम अस्पताल (केंद्र सरकार) भी चल रहे हैं। इतना ही नहीं, प्रदेश में ईएसआई की 86 डिस्पेंसरियों के माध्यम से श्रमिकों को स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।


इनके अलावा, बहादुरगढ़, झज्जर में 100 बिस्तरों वालें तथा बावल, रेवाड़ी में 150 बिस्तरों वाले ईएसआई अस्पताल निर्माणाधीन है। बैठक में जानकारी दी गई कि 72 एंबुलेंस और 5 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी जल्द ही ईएसआई की स्वास्थ्य सेवाओं में जोड़ी जाएंगी।


बैठक में श्रम विभाग के प्रधान सचिव श्री राजीव रंजन, श्रम आयुक्त हरियाणा श्री मनी राम शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

हरियाणा में सभी जिलों में 21 जून को ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ पर प्रातः: 7 से 8 बजे तक होंगे कार्यक्रम आयोजित

 

19 जून को होगी पायलट रिहर्सल व योगा मैराथन


 हरियाणा के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान, आयुष मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा है कि योग साधना से मन, शरीर एवं बुद्धि से सामंजस्य स्थापित होता है जिससे जीवन में उमंग एवं उत्साह भर जाता है और जीवन तनाव व विकृतियों से बचता है। चिकित्सा पद्धति में भी ऐसी कोई दवा नहीं बनी है जो जीवन को सुखमय बना सके परन्तु यौगिक क्रियाओं से ऐसा संभव है। आज योग ने पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधा है। आज योग ने पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधा है जिसका श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जाता है।
डॉ. कमल गुप्ता आज यहां 21 जून, 2024 को होने वाले दसवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों के संबंध आयुष विभाग तथा हरियाणा योग आयोग के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।


बैठक में जानकारी दी गई कि हरियाणा सरकार ने 21 जून, 2024 को प्रातः: 7 से 8 बजे तक अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी जिलों में जिला स्तर एवं ब्लॉक स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को योग प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 29 मई से 15 जून तक योग प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।


उन्होंने बताया कि 13 से 16 जून  तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला स्तर पर मंत्रीगण, सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, अन्य सभी विभागों के अधिकारी/कर्मचारी, निर्वाचित सदस्य, पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारी, एनसीसी कैडेट, स्काउट कैडेट, नेहरू युवा केन्द्र स्टाफ एवं इच्छुक जन साधारण को योग प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण संबंधित जिले के आयुष विभाग के योग विशेषज्ञों व आयुष योग सहायकों, योग समितियों के योग शिक्षकों तथा खेल विभाग के योग प्रशिक्षकों द्वारा दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 19 जून को प्रात: 7 से 8 बजे तक सभी जिलों में मुख्य कार्यक्रम के लिए पायलट रिहर्सल होगी और जिला स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा योगा-मैराथन का आयोजन किया जाएगा। इसमें स्कूल, कॉलेज, गुरुकुल, विश्वविद्यालय, जन साधारण, योग संस्थान, पुलिस पर्सनल, एनसीसी कैडेट, एनएसएस, नेहरू युवा केन्द्र, स्काउट्स और गाइड्स हिस्सा लेंगे। स्कूली बच्चे अपने हाथ में योगा स्लोगन के बैनर/तख्ती लेकर चलेंगे। योग मैराथन आयोजन हेतु मार्ग जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित किया जाएगा।


बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, आयुष विभाग के निदेशक श्री अंशज सिंह, हरियाणा योग आयोग के चेयरमैन डॉ.जयदीप आर्य व रजिस्ट्रार डॉ. राजकुमार तथा आयुष विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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