युवा पीढ़ी को संस्कारवान् बना रहे गुरुकुल -राज्यपाल दत्तात्रेय
चंडीगढ़, (KK)गुरुकुलों की श्रृखला के माध्यम से आचार्य देवव्रत जी युवा पीढ़ी को संस्कारवान् बनाकर न केवल समाज में नई जागृति लाने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं अपितु उनके गुरुकुल के ब्रह्मचारी एन.डी.ए, आई.आईटी., एनआईटी. नीट जैसे महत्त्वपूर्ण परीक्षाओं में अव्वल नंबर लेकर अपने सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। उक्त शब्द आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र के 111वें वार्षिक महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहे। उन्होंने कहा कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र के वर्तमान स्वरूप के पीछे यदि किसी व्यक्ति की दूरदर्शी सोच और दृढ़ इच्छाशक्ति कार्य कर रही है तो वह आचार्य देवव्रत जी है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन के महत्त्वपूर्ण 35 वर्ष इस गुरुकुल को फर्श से अर्श तक पहंुचाने में अर्पण कर दिये। उनके कुशल मार्गदर्शन में आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र देशभर के शिक्षण संस्थानों के लिए प्राचीन एवं आधुनिक शिक्षा पद्धति का अनुपम उदाहरण बना हुआ है। समारोह की अध्यक्षता गुजरात के राज्यपाल आचार्य श्री देवव्रत जी ने की जबकि समारोह में आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के प्रधान सेठ राधाकृष्ण आर्य, गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार, प्राचार्य सुबे प्रताप, व्यवस्थापक रामनिवास आर्य, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य, आचार्य दयाशंकर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। मंच का सफल संचालन रवि शास्त्री द्वारा किया गया।
राज्यपाल दत्तात्रेय जी ने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने सर्वप्रथम स्वराज का उद्घोष किया और वे स्व-शिक्षा के सबसे बड़े पक्षधर थे। उन्हीं के मानसपुत्र स्वामी श्रद्धानन्द जी ने गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति को पुनर्स्थिापित करते हुए कई गुरुकुलों का निर्माण किया और फिर से वैदिक सभ्यता एवं संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया। समारोह में गुरुकुल के ब्रह्मचारियों द्वारा प्रस्तुत किये गये मल्लखम्भ, योगासन, सूर्य नमस्कार, जिन्मास्टिक, कल्लरी आदि कार्यक्रमों की मुक्तकंठ से सराहना, साथ ही महोत्सव में आमंत्रित करने के लिए गुरुकुल प्रबंधन सहित आचार्य देवव्रत जी का आभार व्यक्त किया और अपने स्वैच्छिक कोष से गुरुकुल को 25 लाख की प्रोत्साहन राशि भेंट करने की घोषणा की।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि गुरुकुल में बच्चांे को संस्कार, अनुशासन और नैतिक शिक्षा का ऐसा पाठ पढ़ाया जाता है जिससे वे बुढ़ापे में अपने माता-पिता के लिए संबल बने, उनके बुढ़ापे की लाठी बने। हर अभिभावक यह चाहता है कि उनकी आने वाली पीढ़ी उन्नत संस्कारवान बनें, राज्यपाल पद की जिम्मेदारी होने के बावजूद गुरुकुल के एक-एक बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए समय-समय पर गुरुकुल के अधिकारियों, अध्यापकों से चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि हमारा ध्येय है कि बच्चों को उत्तम शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और संस्कार प्रदान कर उन्हें राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित करें। चमनवाटिका कन्या गुरुकुल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र की तर्ज पर बालिकाओं के गुरुकुल चमनवाटिका में भी एनडीए विंग की स्थापना की जाएगी ताकि हमारी बेटियां भी सेना में उच्च पदों पर जाकर देश की सेवा कर सकें। उन्हांेने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के मिशन को देश की संस्कारवान् युवा पीढ़ी सफल बना सकती है और इसमें गुरुकुल की भूमिका अहम होगी।
इससे पूर्व गुरुकुल के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार ने गुरुकुल की शैक्षिक उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने बताया कि इस बार एनडीए में गुरुकुल के 71 बच्चों ने लिखित परीक्ष पास की। वहीं आईआईटी, एनआईटी में 31 छात्र, नीट में 3 छात्र तथा ऑलम्पियाड के लेवल-2 में गुरुकुल के निशान्त, विभूूति, आदित्य आदर्श ने प्रथम श्रेणी में पास की। शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी गुरुकुल के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और विभिन्न प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। गुरुकुल की इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए एजुकेशन वर्ल्ड ने देश की धरोहर में शामिल हरियाणा का नंबर वन विद्यालय घोषित किया है।
समारोह में आचार्य श्री देवव्रत जी एवं गुरुकुल प्रबंधन द्वारा हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय जी को स्मृति-चिन्ह एवं उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।