कोच्चि में भारतीय नौसेना अंतर कमान महासागर नौकायन दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया  

आरएस अनेजा, नई दिल्ली

समुद्री कौशल और रोमांच के क्षणों के बीच भारतीय नौसेना ने 22 नवंबर 2023 को नौसेना बेस, कोच्चि में एक शानदार समारोह में कोच्चि से गोवा तक भारतीय नौसेना अंतर कमान सेलिंग रेस 2023 के दूसरे संस्करण को रवाना किया। इस दौड़ में 40 फुट के नौसेना नौकायन जहाज (आईएनएसवी) बुलबुल, नीलकंठ, कादलपुर और हरियाल भाग ले रहे हैं। ये चारों जहाज अरब सागर में साहसिक और रोमांचक यात्रा शामिल होंगे। प्रत्येक जहाज में तीन नौसेना कमांड के आठ कर्मी और अंडमान और निकोबार कमांड और नौसेना मुख्यालय (एनएचक्यू) की एक संयुक्त टीम शामिल है। यह दौड़ अपने पिछले संस्करण से अलग है क्योंकि इसमें एक मिश्रित दल शामिल है जिसमें पुरुष और महिला अधिकारी और नाविक दोनों शामिल हैं, जो स्‍त्री-पुरुष समानता का प्रतीक है और नौसेना में सभी को समान अवसर प्रदान किए जाने की पुष्टि करता है। इस प्रतिस्पर्धा में शामिल 32 प्रतिभागियों को समुद्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और उनके जहाज को अरब सागर की तेज और गतिशील हवाएं नेविगेट करेंगी।  

दौड़ को कोच्चि में एडमिरल सुपरिंटेंडेंट यार्ड रियर एमिरल  सुबीर मुखर्जी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। नौकायन कार्यक्रम का समन्वय ओशन सेलिंग नोड, गोवा द्वारा ऑफशोर सेलिंग क्लब, कोच्चि के सहयोग से किया जाता है। नौकायन दौड़ का आयोजन नौसेना मुख्यालय, नई दिल्ली स्थित भारतीय नौसेना नौकायन संघ (आईएनएसए) के तत्वावधान में दक्षिणी नौसेना कमान द्वारा किया जा रहा है। कोच्चि की तटीय सुंदरता की आश्चर्यजनक पृष्ठभूमि पर आधारित, नौकायन कार्यक्रम में अनुभवी नाविकों की समुद्री कौशल और नौवहन कौशल का प्रदर्शन किया जाएगा। आशा है कि इसमें शामिल नाव कुशलतापूर्वक हवाओं का रुख पहचानेंगी और 360 एनएम की दूरी तय करते हुए इंजन के उपयोग के बिना गोवा की ओर बढ़ेंगी। दौड़ से पहले, 14-19 नवंबर 23 तक कोच्चि में भाग लेने वाली टीमों के लिए एक महासागर सेलिंग क्लिनिक का आयोजन किया गया था।

भारतीय नौसेना ने समुद्री विरासत को संरक्षित करने और नाविक कौशल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, नौकायन परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। सेल प्रशिक्षण जहाजों आईएनएस तरंगिनी और आईएनएस सुदर्शिनी के अग्रणी प्रयासों और आईएनएसवी म्हादेई और तारणी पर जलयात्रा के माध्यम से, भारतीय नौसेना ने महासागर नौकायन अभियानों में प्रमुख स्‍थान हासिल किया है।

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