अरुणाचल के गांव में गूंजा 2047 तक विकसित भारत का संदेश

आरएस अनेजा, नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र का भी उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने एम्स, देवघर में खोले गए ऐतिहासिक 10,000वें जन औषधि केंद्र का भी लोकार्पण किया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने के कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष की शुरुआत में अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करने और जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने वाली, इन दोनों पहलों की घोषणा की थी। यह कार्यक्रम इन दोनो वादों को पूरा करने का प्रतीक है।

नामसाई, अरुणाचल प्रदेश के लकर पालेंग ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को सरकार की सहायता से बनाये गये अपने पक्के मकान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जल जीवन मिशन से आये परिवर्तन के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

जब लकर ने प्रधानमंत्री का स्वागत 'जय हिंद' से किया तो प्रधानमंत्री ने उसका जवाब देते हुए कहा कि अरुणाचल में जय हिंद बहुत लोकप्रिय अभिवादन है। उन्होंने यह भी कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों के साथ बातचीत करना हमेशा से ही सुखद रहा है।

श्री लकर को उनकी ग्राम पंचायत द्वारा विकसित भारत संकल्प यात्रा के बारे में सूचित किया गया था और उन्हे 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के अंतर्निहित संदेश के बारे में भी पूरी जानकारी थी। प्रधानमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि वे 5 टीमें बनाएं और पांच गांवों में जाकर बताएं कि विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) की 'मोदी की गारंटी' वाली गाड़ी आ रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केन्द्र का शुभारंभ भी किया।  इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने देवघर स्थित एम्स में ऐतिहासिक 10,000वें जन औषधि केन्द्र का लोकार्पण किया। इसके अलावा, श्री मोदी ने देश में जन औषधि केन्द्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने के कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष  स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए अपने भाषण के दौरान महिला एसएचजी को ड्रोन प्रदान करने और जन औषधि केन्द्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने संबंधी पहलों की घोषणा की थी। यह कार्यक्रम इन दोनों वादों को पूरा करने का प्रतीक है।

आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य कोमलापति वेंकट रावनम्मा ने कृषिगत उद्देश्यों के लिए ड्रोन उड़ाना सीखने का अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण पूरा करने में उन्हें 12 दिन लगे।

प्रधानमंत्री द्वारा गांवों में कृषि के लिए ड्रोन के उपयोग के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि इससे समय की बचत के साथ-साथ पानी की समस्या से निपटने में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि श्रीमती वेंकट जैसी महिलाएं उन लोगों के लिए एक उदाहरण हैं जो भारत की महिलाओं की शक्ति पर संदेह करते हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरेगा। उन्होंने विकसित भारत संकल्प यात्रा में महिलाओं की भागीदारी के महत्व को भी रेखांकित किया।

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