उड़ान योजना से अब तक 130 लाख से अधिक लोग लाभान्वित

आरएस अनेजा, नई दिल्ली

जनता के लिए किफायती दरों पर हवाई सुविधा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) - उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) शुरू की। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना को प्रोत्साहन देने के लिए मौजूदा हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों के पुनरुद्धार के माध्यम से देश के अपर्युक्त और कम उपयोग वाले हवाई अड्डों को कनेक्टिविटी प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। यह जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

योजना का कार्यकाल: यह योजना 10 वर्षों की अवधि के लिए लागू होगी और समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाएगी।

क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना मार्ग के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण समर्थन केवल तीन वर्षों की अवधि के लिए उपलब्ध है। विमान/हेलीकॉप्टर का प्रकार: यह योजना समुद्री विमानों और हेलीकॉप्टरों सहित विभिन्न प्रकार के विमानों के संचालन की अनुमति देती है। योग्य ऑपरेटर: डीजीसीए द्वारा जारी अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा (यात्री) के लिए एक वैध अनुसूचित ऑपरेटर परमिट (एसओपी) या एक अनुसूचित कम्प्यूटर ऑपरेटर (एससीओ) परमिट योजना के तहत देश में हवाई अड्डों के विकास के लिए 4500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, इनमें से योजना के आरंभ से अब तक 3751 करोड़ रुपये का उपयोग किया जा चुका है। 28.11.2023 तक वीजीएफ की राशि 3020 करोड़ रुपये चयनित एयरलाइन ऑपरेटरों को वितरित की गई।

तमिलनाडु राज्य में हवाई अड्डों को विकसित करने के लिए 97.88 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए इनमें से अब तक 94.51 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। उड़ान योजना के तहत, सरकार ने योजना के दौरान 1000 उड़ान मार्गों को चालू करने और उड़ान उड़ानों के संचालन के लिए 2024 तक देश में 100 अपर्युक्त और कम सेवा वाले हवाई अड्डों/हेलीपोर्ट/जल हवाई अड्डों को कार्यशील/विकसित करने का लक्ष्य रखा है। 517 क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना मार्गों में अब तक 76 हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए परिचालन शुरू कर दिया है, जिसमें 9 हेलीपोर्ट और 2 जल हवाई अड्डे शामिल हैं। इस योजना का लाभ अब तक 130 लाख से अधिक लोग उठा चुके हैं। तमिलनाडु सहित देश में 50 नए हवाई अड्डों/हेलीपोर्ट/जल हवाई अड्डों के विकास और संचालन के लिए 2023-26 की अवधि में योजना के दूसरे चरण के तहत 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

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